नई दिल्ली: टीम इंडिया ने मेलबर्न में सनसनीखेज वापसी करते हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से मात देकर चार मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर की। कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने उदाहरण बनकर टीम का नेतृत्व किया और नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम को कंगारुओं के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कराया। भारतीय टीम की पहले टेस्ट में बुरी गत हुई थी जब दूसरी पारी में वो 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
यह टीम इंडिया का टेस्ट इतिहास में सबसे कम स्कोर रहा और उस पारी में कोई बल्लेबाज दहाई अंक की संख्या में रन नहीं बना सका। ऑस्ट्रेलिया ने तब भारत को 8 विकेट से शिकस्त दी थी। बहरहाल, दूसरे टेस्ट में अजिंक्य रहाणे ने 112 रन की उम्दा पारी खेली और इसके अलावा शुभमन गिल व रवींद्र जडेजा ने शानदार योगदान दिया। जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की जमकर खबर ली और अपने आलोचकों का मुंह शांत किया।
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने जोर देकर कहा कि भारत को ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतना चाहिए। रावलपिंडी एक्सप्रेस ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की तारीफ की। अख्तर ने कहा, 'मैंने दिल्ली में कुछ दोस्तों से कहा था कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देगी। मैंने उन्हें कहा था कि अगर बल्लेबाजी चली, मिडिल ऑर्डर अच्छा खेला तो भारत के पास सीरीज जीतने का मौका है। वो बोल रहे थे कि मैं ज्यादा बढ़-चढ़कर बोल रहा हूं।'
अख्तर ने आगे कहा, 'मैंने मैच देखा। एक दिन उठा और देखा कि भारत को ऑस्ट्रेलिया ने मात दी। मुझे लगा कि स्कोर 369 है जबकि वो 36/9 था। मगर आपको पता है कि संकट की घड़ी में कैरेक्टर की प्रदर्शनी होती है। भारतीय टीम ने गजब दम दिखाया। मेरे ख्याल से अजिंक्य रहाणे काफी शांत और चुप रहने वाला है। रहाणे फालतू नहीं चिल्लाता, वो चुप रहता है और कूल कप्तानी करता है। उसकी लीडरशिप में भारतीय खिलाड़ियों ने अचानक प्रदर्शन किया।'
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