नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खुलासा किया है कि आखिर सचिन तेंदुलकर कभी स्ट्राइक लेना पसंद नहीं करते थे। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली वनडे इतिहास की सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग जोड़ी में से एक माने जाते हैं और दोनों ने मिलकर भारत के लिए कई मैच विजयी साझेदारियां की हैं। सौरव गांगुली का इंटरव्यू भारतीय युवा बल्लेबाज मयंक अग्रवाल कर रहे थे। बीसीसीआई के वीडियो में बात करते हुए गांगुली ने सचिन के साथ ओपनिंग जोड़ी के बारे में खुलकर बातचीत की।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली वनडे इतिहास में 9वीं सबसे शानदार ओपनिंग जोड़ी के रूप में काबिज हैं। दोनों ने 71 मैचों में 61.36 की औसत रखते हुए 12 शतकों व 16 अर्धशतकीय साझेदारियां करते हुए 4173 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली दोनों में शैली मौजूद थी कि अपने दिन पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा देते थे। हालांकि, जब बात पारी की पहली गेंद पर स्ट्राइक लेने की होती थी तो हमेशा गांगुली को उसका सामना करना पड़ता था क्योंकि सचिन तेंदुलकर के पास पहली गेंद का सामना नहीं करने का कारण होता था।
मयंक अग्रवाल ने गांगुली से सवाल किया कि सचिन तेंदुलकर आपको स्ट्राइक लेने के लिए जोर देते थे। इस पर गांगुली ने जवाब दिया, 'हमेशा ऐसा होता था। उनके (सचिन तेंदुलकर) के पास इसका जवाब होता था। मैंने उन्हें कई बार बोलता था कि तुम कभी पहली गेंद का सामना कर लो, मैं तो हमेशा ही पहली गेंद का सामना करता हूं। उनके पास इसके दो जवाब होते थे- पहला: उनका मानना था कि अगर अच्छे फॉर्म में है तो इसे जारी रखना चाहिए और उन्हें ऐसे में नॉन स्ट्राइकर्स छोर पर रहना चाहिए। दूसरा- अगर उनकी फॉर्म अच्छी नहीं है तो नॉन स्ट्राइकर्स एंड पर रहना चाहिए क्योंकि इससे मुझ पर से दबाव हट जाता है।'
गांगुली ने आगे कहा, 'तो सचिन के पास अच्छे और बुरे दोनों फॉर्म के जवाब होते थे। जब तक आप उनसे आगे निकलकर जाकर नॉन स्ट्राइकर्स एंड पर नहीं खड़े हो जाओ और चूकि वो टीवी पर होते थे तो मजबूरन स्ट्राइकर्स एंड पर जाना पड़ता था। ऐसा 1-2 बार हुआ है। मैं उनके आगे निकला और जाकर नॉन स्ट्राइकर्स एंड पर खड़ा हो गया।'
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