सौरव गांगुली ने फिर दिखाई दरियादिली, अपने पहले कोच की बीमारी का पूरा खर्च उठाएंगे

Sourav Ganguly first coach: सौरव गांगुली को जैसी ही अपने पहले कोच की बीमारी का पता चला तो उन्‍होंने आगे आकर सभी सुविधाएं मुहैया कराने का वादा किया। गांगुली ने कोरोना वायरस की जंग में भी काफी दान किया है।

ashok mustafi and sourav ganguly
अशोक मुस्‍तफी और सौरव गांगुली 
मुख्य बातें
  • सौरव गांगुली के पहले कोच अशोक मुस्‍तफी अस्‍पताल में भर्ती हैं
  • गांगुली ने अपने मेंटर के इलाज का पूरा खर्चा उठाने की जिम्‍मेदारी ली है
  • गांगुली के दोस्‍त ने कहा अशोक बंगाल क्रिकेट के रमाकांत आचरेकर हैं

कोलकाता: टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली के पहले कोच अशोक मुस्‍तफी इस समय अस्‍पताल में भर्ती हैं। गांगुली ने अपने मेंटर के इलाज का पूरा खर्चा उठाने की जिम्‍मेदारी उठाई है। बीसीसीआई अध्‍यक्ष को रविवार की सुबह कोच की तबीयत की जानकारी मिली। गांगुली के दोस्‍त संजय दास को मुस्‍तफी के बारे में पता चला और उन्‍होंने उसी दिन दादा को यह जानकारी दी।

संजय और सौरव काफी अच्‍छे दोस्‍त हैं। दोनों स्‍कूल के दिनों में मुस्‍तफी सर के अंडर में दुखीराम कोचिंग सेंटर पर अभ्‍यास करते थे। सौरव के क्रिकेट की यात्रा अशोक मुस्‍तफी के साथ ही शुरू हुई। यह वो समय था जब सेंटर को बंगाल क्रिकेट का लाइटहाउस कहा जाता था।

बंगाल क्रिकेट के रमाकांत आचरेकर

मुस्‍तफी के कोचिंग सेंटर से करीब 20 क्रिकेटर्स ने रणजी ट्रॉफी में राज्‍य का प्रतिनिधित्‍व किया। सौरव गांगुली ने अपने करियर की शुरुआत भी इसी सेंटर से की थी। संजय के हवाले से संगबद प्रतिदिन ने कहा, 'हमारे सर अशोक मुस्‍तफी बंगाल क्रिकेट के रमाकांत आचरेकर हैं। उनका योगदान बहुत बड़ा है।' पिछले कुछ समय से गांगुली के कोच उम्र की समस्‍या के कारण बीमारी से जूझ रहे हैं।

अशोक मुस्‍तफी की शनिवार रात तबीयत ज्‍यादा बिगड़ गई। वह अपने घर में अकेले थे क्‍योंकि उनकी बेटी इंग्‍लैंड में है। अशोक मुस्‍तफी को एक निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया और उन्‍हें वेंटिलेटर पर रखा गया। अपने कोच की बीमारी की जानकारी मिलते ही गांगुली आगे आए और सभी सुविधाएं उपलब्‍ध कराईं। गांगुली ने अस्‍पताल में फोन करके यह भी कहा कि अगर कोई भी जरुरत हो तो वह उन्‍हें इसकी जानकारी दें।

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग

47 साल के गांगुली ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भी बहुत मदद की है। उन्‍होंने 50 लाख रुपए का दान किया था। इसके अलावा उन्‍होंने कोलकाता के बेलुर मठ में 2000 किग्रा चावल दान किए। ईस्‍कॉन मंदिर में भी गांगुली ने काफी दान किया। इसके अलावा कोरोना वायरस से निपटने के लिए गांगुली ने ईडन गार्डन्‍स को इस्‍तेमाल करने का प्रस्‍ताव भी दिया था। 

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