भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने एक स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट पुलिस शील्ड के समापन के बाद लोगों का दिल जीता। यादव ने स्थानीय ग्राउंड्समैन को अपना मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड की नकद राशि देने का फैसला किया। सूर्या तीन दिवसीय पुलिस शील्ड फाइनल में पयाडे स्पोर्ट्स क्लब के खिलाफ पार्सी जिमखाना के लिए खेल रहे थे। मुंबई के दाएं हाथ के बल्लेबाज ने पुलिस जिमखाना ग्राउउंड में 152 गेंदों में 259 रन की दमदार पारी खेली।
यादव ने मैच के बाद बताया कि कैसे ग्राउंड स्टाफ का योगदान को कोई याद नहीं रखता। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सूर्यकुमार यादव ने कहा, 'मेरे ख्याल से यह एक चीज है, जो हम क्रिकेटर्स के रूप में हमेशा भूल जाते हैं।'
सूर्यकुमार यादव ने कहा, 'ग्राउंड्समैन जो प्रयास करते हैं, उसके बारे में कम बात होती है। वो ग्राउंड पर सबसे पहले आते हैं। सुबह वो 6:30 बजे आते हैं। पिच तैयार करते हैं, ओस हटाते हैं। यह चीजें मेरे दिल के करीब है क्योंकि जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो मुझे याद है कि जब भी नेट्स पर बल्लेबाजी करना होती थी तो मुझे ग्राउंड्समैन और अपने कुछ दोस्तों के साथ पिच पर रोलर घुमाना होता था।'
यह काम सिर्फ यादव ही नहीं बल्कि हर क्रिकेटर को अपने करियर के शुरूआती दिनों में करना होता है। यादव ने उस समय की जिम्मेदारी को याद किया जब वो युवा थे और मदद करते थे। उन्होंने कहा कि नेट्स जमाने से उन्हें समझ मिली कि कितना काम करना पड़ता है।
सूर्यकुमार यादव ने कहा, 'मैदानकर्मियों के प्रयास पर किसी का ध्यान नहीं जाता। हम रन बनाते हैं। सभी हमारी तारीफ करते हैं। हम अपने नाम अखबारों में देखते हैं, लेकिन दुखद है कि ग्राउंड्समैन को उनके प्रयासों के लिए कोई धन्यवाद नहीं देता। मेरा मानना है कि प्रत्येक खिलाड़ी को ग्राउंड्समैन के योगदान को याद रखना चाहिए। वो हमारे लिए पिच बनाते हैं। वो सुनिश्चित करते हैं कि हम अपना करियर अच्छी पिचों के बलबूते बना सके। वो काफी श्रेय के हकदार हैं।'
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