लंदन: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का अंत दुर्भाग्यवश तरीके से हुआ। दोनों टीमों के बीच सीरीज के चार टेस्ट में अच्छी जंग देखने को मिली और किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि इस तरह सीरीज का अंत होगा। पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच मैनचेस्टर में शुक्रवार को शुरू होने वाला था, लेकिन टॉस से दो घंटे पहले ही यह रद्द हो गया। भारतीय खेमे में कोविड-19 मामलों के डर के कारण मैच रद्द किया गया।
बहरहाल, टेस्ट सीरीज का अंत चाहे जैसा भी हुआ हो, लेकिन नतीजा भारत के पक्ष में रहा। विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम सीरीज में 2-1 की बढ़त पर रही। वैसे, भारतीय टीम के पास पहला टेस्ट जीतने का शानदार मौका भी था, लेकिन बारिश के कारण अंतिम दिन का खेल नहीं हो सका था और मुकाबला ड्रॉ रहा था। तब भारत को जीत के लिए 157 रन की दरकार थी जबकि उसके 9 विकेट शेष थे।
अगर कोई पिछले एक महीने में भारत के प्रदर्शन पर ध्यान दे तो कई सकारात्मक चीजें देखने को मिली हैं। जसप्रीत बुमराह का फॉर्म में लौटना। शार्दुल ठाकुर की बल्लेबाजी, मोहम्मद सिराज का लगातार बढ़ना। मगर विराट कोहली की टीम के लिए दो सबसे अच्छी बातें रही उनके ओपनर्स का फॉर्म में होना। रोहित शर्मा और केएल राहुल इस समय अपनी जिंदगी के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं।
पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि भारत की नई टेस्ट ओपनिंग जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया और अगर वो टॉप पर मजबूत साझेदारी करके नहीं देते तो भारतीय टीम संघर्ष करती हुई दिख सकती थी। सहवाग ने कहा, 'केएल राहुल और रोहित शर्मा के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। अगर राहुल और रोहित के बीच साझेदारी नहीं होती तो मिडिल ऑर्डर जल्दी बल्लेबाजी करने आता, जो खुद रन बनाने के लिए संघर्षरत है, तो भारतीय टीम संघर्ष करती दिखती।'
सहवाग ने कहा, 'इन दोनों बल्लेबाजों ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। दोनों ने 30-40 ओवर बल्लेबाजी की और चूकि मिडिल ऑर्डर फॉर्म में नहीं था, तो हम कुछ पारियों में जल्दी आउट भी हुए।'
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