कोलकाता: कोरोना के कहर के बीच पूरी दुनिया में खेल गतिविधियां पिछले चार महीने से रुकी हुई थीं। जिनकी धीरे धीरे वापसी हो रही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की भी 117 दिन के अंतराल के बाद इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के साथ वापसी हो गई है। भारत में कोरोना संक्रमण इन दिनों अपने चरम पर है और लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। तकरीबन 8 लाख लोग भारत में कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 22 हजार लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में क्रिकेट की भारत में वापसी जल्दी और आसानी से होती नहीं दिखाई पड़ रही है।
ऐसी स्थिति में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। पहला कोरोना के कारण बोर्ड का कामकाज पूरी तरफ ठप्प पड़ा है वहीं दूसरी ओर उन्हें सेवा विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने गुहार लगानी पड़ रही है। सौरव गांगुली ने कोरोना के दौर को अपने प्रशासनिक करियर में सबसे बड़ी चुनौती बताया है। लेकिन वो मुस्तैदी के साथ मौजूदा स्थिति का सामना कर रहे हैं और ये सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि इसका भारतीय क्रिकेट पर असर न पड़े।
सितंबर 2020 में खत्म होगा कार्यकाल
गांगुली को पिछले साल अक्टूबर में बीसीसीआई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बोर्ड के नए संविधान के मुताबिक उसी समय ये सुनिश्चित हो गया था कि उनका कार्यकाल 8 महीने का होगा और सितंबर 2020 में समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस दौरान 4 महीने कोरोना के कारण बेकार चले गए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें कार्यकाल विस्तार मिल पाएगा या नहीं इस बात पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वो आईसीसी अध्यक्ष पद की दौड़ में भी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, 'हालांकि हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काम कर रहे हैं मैं स्थितियों को नहीं बदल सकता, मुझे इसे स्वीकार करके इसके अनुरूप अपनी ओर से इस स्थिति में सर्वश्रेष्ठ करना होगा। मुझे नहीं मालूम कि मेरे कार्यकाल का विस्तार होगा या नहीं। यदि हमारे कार्यकाल को नहीं बढ़ाया जाता है तो मैं अन्य रास्ते पर आगे बढ़ जाउंगा। बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष आठ महीने के में 4 मैंने घर पर बिताए हैं।'
हर कोई चाहता है सामान्य हो स्थितियां
117 दिन के अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो चुकी है। ऐसे में गांगुली ने कहा, मुझे अंधेरी सुरंग के पार की रोशनी नजर आ रही है। हम सभी उजाला देखना चाहते हैं। क्योंकि हम सब इससे बाहर निकलकर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं एक दूसरे को लगे लगाना और हाथ मिलाना चाहते हैं वो भी बगैर किसी डर के। खेलों की शुरुआत हो चुकी है फुटबॉल, टेनिस सभी की शुरुआत हो चुकी है जो कि अच्छा है क्योंकि जीवन इंतजार नहीं कर सकता।'
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