नई दिल्ली: टेस्ट क्रिकेट का इतिहास कई तरह की गौरवगाथाओं से पटा पड़ा है। गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने 144 साल लंबे टेस्ट इतिहास में रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाई है। जहां बल्लेबाजों ने रनों के पहाड़ खड़े किए हैं वहीं गेंदबाजों ने विकेटों का ढेर लगाया। लेकिन अनायास ही गेंदबाजी में विश्व के सबसे महान गेंदबाजों के नाम बल्लेबाजी में ऐसे शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गए जिसके बारे में वो भी कभी जिक्र नहीं करना चाहते।
बल्लेबाजी करते हुए खाता भी नहीं खोल पाना किसी भी किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा शर्मिंदगी का पल होता है। लेकिन टीम के पुछल्ले बल्लेबाज यानी धाकड़ गेंदबाज इस शर्मिंदगी का सामना पूरे करियर में दर्जनों बार करते हैं। ऐसा करते हुए कई टेस्ट क्रिकेट इतिहास के महान गेंदबाजों के नाम सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने के रिकॉर्ड दर्ज हो गए।
कर्टनी वॉल्श के नाम है सबसे ज्याद डक
इस मामले में पहले पायदान पर वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान और तेज गेंदबाज कर्टनी वॉल्श रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पांच सौ विकेट के आंकड़े को छूने वाले दुनिया के पहले तेज गेंदबाज कर्टनी वॉल्श बल्लेबाजी में फिसड्डी साबित हुए। करियर में खेले 132 टेस्ट मैच में 519 विकेट लेने वाले वॉल्श 43 बार अपना खाता नहीं खोल सके। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले खिलाड़ी के रूप में दर्ज है।
इस सूची में दूसरे पायदान पर न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज क्रिस मार्टीन हैं। मार्टिन ने कीवी टीम के लिए साल 2000 से 2013 के बीच 71 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 104 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए वो 36 बार अपना खाता नहीं खोल सके।
बल्लेबाजी में व्हाइट पिजन दिए हैं 35 अंडे
सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले खिलाड़ियों में तीसरा नाम व्हाइट पिजन के नाम से मशहूर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लैम मैक्ग्रा का आता है। मैक्ग्रा ने अपने करियर में 124 टेस्ट खेले और इस दौरान खेली 138 पारी में वो 35 बार खाता खोल पाने में नाकाम रहे। 563 टेस्ट विकेट अपने नाम करने वाले मैक्ग्रा ने न जाने कितने बल्लेबाजों की रातों की नींद उड़ाई लेकिन इस शर्मनाक बल्लेबाजी रिकॉर्ड के साथ उन्हें करियर का अंत करना पड़ा।
मैक्ग्रा के बाद सबसे ज्यादा बार टेस्ट क्रिकेट में शून्य पर आउट होने वाले खिलाड़ियों में चौथा नंबर इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास के दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड है। टेस्ट क्रिकेट में 3 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले ब्रॉड ने एक शतक और 13 अर्धशतक भी जड़े हैं लेकिन अबतक खेले 143 टेस्ट में वो 35 बार खाता खोलने में नाकाम रहे।
वॉर्न के बाद इस मामले में छठे पायदान टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन हैं। मुरली ने करियर में खेले 133 टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा 800 विकेट झटके। वहीं बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 164 पारियों में वो 33 बार अपना खाता नहीं खोल पाए थे।
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