इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) का मौजूदा संस्करण चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अब तक बेहद खराब साबित हुआ है। जब से वे यूएई पहुंचे हैं, उनके साथ कुछ ना कुछ हो रहा है। पहले कई खिलाड़ी कोरोना की चपेट में आए। उसके बाद अचानक टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज सुरेश रैना टूर्नामेंट छोड़कर भारत लौट गए। उनके पीछे-पीछे दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने भी टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया।
इन्हीं सब चर्चाओं व विवादों के बीच टूर्नामेंट शुरू हुआ तो पहले मैच में उन्होंने चैंपियन मुंबई इंडियंस को 5 विकेट से हरा दिया लेकिन उसके बाद से वो सिर्फ एक और मुकाबला जीते जबकि 5 मैच गंवा दिए। अब उन्हें मंगलवार को करो या मरो के मैच में हैदराबाद से भिड़ना है और पूर्व गेंदबाज आशीष नेहरा ने चेन्नई को लेकर तंज कसा है।
आशीष नेहरा ने जो मुद्दा उठाया है वो मौजूदा स्थिति में गलत भी नहीं है। सोमवार को मैच के बाद होने वाले कार्यक्रम के दौरान आशीष नेहरा ने मंगलवार को होने वाले चेन्नई-हैदराबाद मैच पर बात की। नेहरा भी चेन्नई सुपर किंग्स के फैन हैं और वो काफी समय से धोनी और उनकी टीम को एक संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं। इस बार उसी संदेश को लेकर उन्होंने थोड़ा मजाकिया अंदाज अपनाया। दरअसल, नेहरा बार-बार कह रहे हैं कि चेन्नई सुपर किंग्स को दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई पेसर जोश हेजलवुड को खिलाना चाहिए जो कि शुरुआत से अब तक बेंच पर ही बैठे हैं।
हैदराबाद और चेन्नई के बीच होने वाला मुकाबला धोनी सेना के लिए करो या मरो के मुकाबले से कम नहीं होगा। वो 7 मैचों में 5 गंवा चुके हैं और अगर रेस में बने रहना है तो उन्हें ये मुकाबला जीतना ही चाहिए। नेहरा ने कहा, 'मैं कल अपने ऊपर पर्चा लगाकर आऊंगा, ताकि वो एक बार देख लें कि जोश हेजलवुड को अब तो खिला लो।'
आशीष नेहरा का सवाल काफी हद तक सही है। ऑस्ट्रेलियाई पेसर जोश हेजलवुड को चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल नीलामी में 2 करोड़ रुपये में खरीदा था। उनको 25 सितंबर को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेले गए मैच में खिलाया था। दुबई में खेले गए उस मैच में हेजलवुड ने कोई विकेट तो नहीं लिया था लेकिन बाकी के जितने गेंदबाज थे, उन सबसे कम रन लुटाए थे। दिल्ली ने उस मैच में 175 रन बनाए थे और हेजलवुड ने कुल 28 रन लुटाए थे। लेकिन उसके बाद से बाकी के सभी गेंदबाज तो खेलते रहे लेकिन हेजलवुड को दोबारा मौका नहीं दिया गया।
चेन्नई सुपर किंग्स बेशक खिलाड़ियों को जल्दी-जल्दी टीम से बाहर करने में विश्वास नहीं रखती लेकिन एक ऐसे गेंदबाज को बाहर रखना कितना सही है जो आईपीएल से ठीक पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। टूर्नामेंट में धोनी के कुछ अन्य फैसले भी चौंकाने वाले रहे हैं। कभी वो सात नंबर पर आते हैं, कभी पांच नंबर पर, कभी चार नंबर पर। कभी वो अंत तक खेलते हैं लेकिन समय से रन नहीं बनाते, कभी वो समय होने के बावजूद खराब शॉट खेलकर आउट हो जाते हैं। पिछले मुकाबले की बात करें तो बैंगलोर के खिलाफ उस मैच में उन्होंने दीपक चाहर का एक ओवर बचा लिया।
उन्होंने अंतिम ओवर ड्वेन ब्रावो से कराया लेकिन चाहर से नहीं जबकि दीपक चाहर ने 3 ओवर में कुल 10 रन देकर 1 विकेट लिया था। जबकि ब्रावो ने 3 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 29 रन लुटा डाले। नतीजा यही हुआ कि विराट ने नाबाद 90 रनों की पारी खेलते हुए स्कोर 169 तक पहुंचाया और बाद में 37 रन से मैच भी जीत लिया। धोनी के फैसले उनके करियर में हमेशा शानदार रहे हैं लेकिन उनकी टीम इस समय जिस स्थिति में है, उससे बाहर निकालने के लिए उन्हें टीम संयोजन पर विचार करने की जरूरत है, ऐसा सिर्फ हम नहीं कह रहे बल्कि तमाम पूर्व दिग्गज भी कह चुके हैं।
मुंबई के खिलाफ - 5 विकेट से जीते
राजस्थान के खिलाफ - 16 रन से हारे
दिल्ली के खिलाफ - 44 रन से हारे
हैदराबाद के खिलाफ - 7 रन से हारे
पंजाब के खिलाफ - 10 विकेट से जीते
कोलकाता के खिलाफ - 10 रन से हारे
बैंगलोर के खिलाफ - 37 रन से हारे
ये नतीजे चेन्नई सुपर किंग्स के पहले चरण के मुकाबले के हैं। मंगलवार से आईपीएल 2020 का रिवर्स लेग यानी दूसरा चरण शुरू हो रहा है। यहां अब हर टीम सभी टीमों से दोबारा मैच खेलेगी। भारत में होता तो ये उनके घर/अपने घर की प्रक्रिया के तहत होता लेकिन टूर्नामेंट यूएई में है इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
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