नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी सीमित ओवरों की सीरीज में शामिल क्रिकेटरों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए सात दिनों के कठिन पृथकवास से नहीं गुजरना होगा क्योंकि शनिवार को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार वे एक बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) से दूसरे में जाऐंगे।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इसके साथ ही साफ कर दिया कि आईपीएल से जुड़े किसी भी व्यक्ति को फिलहाल टीका लगाने की योजना नहीं है क्योंकि भारत सरकार ने एक ऐसी प्रणाली बनाई है, जिसका वर्तमान में पालन किया जा रहा है। इस एसओपी की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास भी है जिसके मुताबिक, 'भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज के लिए बनाए गए बबल में शामिल खिलाड़ी पृथकवास को पूरा किए बिना अपनी फ्रेंचाइजी टीम में शामिल हो सकते हैं।'
इसके मुताबिक, 'सीरीज के समापन के बाद अगर वे बस या चार्टर्ड उड़ान से सीधे टीम होटल में जाते हैं और उनकी यात्रा व्यवस्था सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) संतुष्ट होते है तो ऐसे खिलाड़ी पृथकवास या आरटी पीसीआर जांच के बिना टीम बबल में प्रवेश कर सकते हैं।' एसओपी में कहा गया कि फिलहाल सरकार ने एलीट एथलीटों के टीकाकरण पर कुछ भी निर्देश नहीं दिया है।
इसके मुताबिक, 'भारत में पहले स्वास्थ्य कर्मियों और महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े लोगों को टीका लगाया गया। अब 60 वर्ष से अधिक या शारीरिक परेशानी का सामना कर रहे 45 से 59 वर्ष के बीच के व्यक्तियों को टीका लगाया जा रहा है। अभी तक एलीट एथलीटों सहित अन्य समूहों के टीकाकरण की अनुसूची की घोषणा नहीं की गयी है।'
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