नई दिल्ली: पैसों से लबरेज इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी आर्थिक सुस्ती से प्रभावित दिख रही है क्योंकि बीसीसीआई ने प्लेऑफ चरण से ईनामी राशि घटाने का फैसला किया है। हालांकि, आईपीएल के चेयरमैन ब्रजेश पटेल ने भारतीय बोर्ड द्वारा लागत में कटौती की बात को बकवास करार दिया है। पटेल ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि अपने पुराने तरीके पर लौटा जा सके क्योंकि फ्रेंचाइजी ज्यादा पैसा दे रही हैं, जबकि इसके बदले में वह अपने लिए मुनाफा नहीं बना पा रही हैं। अब यह मामला नहीं बचा, तो फिर इतनी ही रकम देने का कोई मतलब नहीं है।
पटेल ने कहा, 'यह लागत में कटौती नहीं है। 2013-14 में फ्रेंचाइजी की मदद के लिए हमने पैसा बढ़ाने पर सहमति जताई थी, लेकिन असली अनुबंध का हिस्सा नहीं था। 2013 में फ्रेंचाइजी ने आग्रह किया था कि आईपीएल से उनकी कमाई नहीं हुई है। इसलिए बीसीसीआई ने सोचा कि हम भी योगदान दें ताकि खिलाड़ियों का वेतन नहीं रूके और कोई दिक्कत नहीं है। अब जब फ्रेंचाइजी मुनाफा कमा रही हैं तो यह मुनाफे में नुकसान भर है।'
बीसीसीआई ने जो नया सर्कुलर जारी किया है, उसमें विजेता, उप-विजेता, तीसरे और चौथे स्थान वाली टीमों की ईनामी राशि आधी कर दी गई है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने भी इस कदम पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की ईनामी राशि में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन 2013-14 में फ्रेंचाइजी को जो आर्थिक मदद की गई थी, अब उसकी कटौती की जा रही है।
दो बातें गौर करने वाली
अधिकारी ने कहा, 'यहां दो बातें गौर करने वाली हैं। पहली कि खिलाड़ियों को जो ईनामी राशि मिलेगी, उसमें कोई बदलाव नहीं है। दूसरी कि 2013-14 में हमने फ्रेंचाइजी को जो फंड देने की शुरुआत की, सिर्फ उसे हटाया जा गया है।' जैसे फ्रेंचाइजी राज्य एसोसिएशन्स को मैच आयोजित कराने के लिए 20 लाख रुपए देते हैं, अधिकारी ने स्पष्ट करते हुए कहा, 'मंचन संघ' की राशि काफी बढ़ चुकी है। अब बीसीसीआई भी उन्हें ज्यादा रकम देता है। एक अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी के लिए संघ का खर्च डेढ़ करोड़ रुपए के ऊपर जाता है। यहां उनका खर्च एक करोड़ रुपए तक जाता है।
बीसीसीआई द्वारा उठाए कदम पर फ्रेंचाइजी ने नाखुशी जाहिर की। रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रेंचाइजी को इस बात की नाखुशी है कि बोर्ड ने बिना जानकारी दिए इतना बड़ा कदम लिया। एक शीर्ष फ्रेंचाइजी अधिकारी ने कहा, 'हम में से किसी से भी इस बारे में विचार-विमर्श नहीं किया गया। हम स्टेक होल्डर्स हैं। बीसीसीआई को ऐसे फैसला लेने से पहले हमें सूचित करना चाहिए था। यह बीसीसीआई की पुरानी दिक्कत है, जो खराब चीजें सामने लाता है।' आईपीएल में कई बदलाव हुए हैं, जैसे 2020 संस्करण की ओपनिंग सेरेमनी नहीं होगी।
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