Free Ball: अश्विन के बयान पर छिड़ी बहस, जानिए क्या है 'फ्री-बॉल' का उनका फॉर्मूला

आईपीएल 2020
भाषा
Updated Aug 24, 2020 | 16:19 IST

What is Free ball? : रविचंद्रन अश्विन ने एक बार फिर 'मांकेडिंग' विवाद पर बयान देते हुए एक नए फॉर्मूले को लागू करने का सुझाव दे डाला है। आखिर क्या है उनका फ्री बॉल का आइडिया।

Ravichandran Ashwin
Ravichandran Ashwin 

नई दिल्ली: भारतीय टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सुझाव दिया कि अगर दूसरी छोर का बल्लेबाज (नॉन स्ट्राइकर) गेंद फेंकने से पहले क्रीज से काफी आगे निकल जाए तो गेंदबाजों के लिए ‘फ्री बॉल’ जैसे नियम लागू करना चाहिए। वह हालांकि अपने रूख पर कायम है कि ऐसी स्थिति में बल्लेबाज को आउट करना गलत नहीं है।

अश्विन ने पिछली बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में क्रिंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के मैच में जोस बटलर को इस तरह से आउट किया था जिसके बाद ‘खेल भावना’ को लेकर सवाल उठने लगे थे। अश्विन के हालांकि जो किया था वह नियमों के मुताबिक था लेकिन उनकी नयी आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने हाल में कहा था कि वह अश्विन से बात करेंगे और उन्हें बल्लेबाज को इस तरह से रन आउट नहीं करने के लिये कहेंगे।

फ्री-हिट हो सकता है तो फ्री-बॉल क्यों नहीं

भारतीय विकेटकीपर और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ी दिनेश कार्तिक ने ‘मांकड़ रन आउट’ को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक आउट होने के इस तरीके को ‘खेल भावना’ या ‘(वीनू) मांकड़’ के नाम से जोड़ना गलत है। अश्विन ने कार्तिक की बात का जवाब देते हुए ट्वीट किया, ‘‘गेंदबाज के लिए फ्री बॉल लागू करें। अगर बल्लेबाज इस तरह की गेंद पर आउट होता है तो बल्लेबाजी टीम के पांच रन काटे जाने चाहिए। अगर रोमांच बढ़ने के लिए ‘फ्री हिट’ हो सकता है तो गेंदबाजों को भी एक मौका मिलना चाहिए।’’

'आज तो गेंदबाजों की धुनाई होगी'

इस ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘‘हर कोई अब इस उम्मीद के साथ मैच देखता है कि गेंदबाजों की आज धुनाई होगी।’’ अश्विन का सुझाव फ्री हिट की अवधारणा की तरह है। जिसमें गेंद फेंकते समय अगर गेंदबाज का पैर पोपिंग क्रीज के बाहर निकल जाता तो उसके बाद वाली गेंद पर बल्लेबाज के पास आउट होने के डर के बिना अधिक्तम रन बनाने का मौका होता है।

दिग्गजों ने भी दी राय

अश्विन के ट्वीट के बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यूवी रमन, रोहन गावस्कर और कामेंटेटर हर्षा भोगले ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी। रमन ने हॉलीवुड फिल्म ‘द गुड, द बैड एंड द अग्ली’ के डायलॉग से इसे जोड़ते हुए कहा, ‘‘एली वैलाच का प्रसिद्ध वाक्य, ‘जब तुम्हें गोली मारना है, गोली मारो, बात मत करो’ की तरह ही ‘जब आपको क्रीज में रहना है तो वही रहो, बाहर मत निकलो।’’

सुनील गावस्कर ‘मांकड़िंग’ शब्द के इतेमाल के विरोधी है और उनके बेटे राोहन गावस्कर ने कहा कि खेल भावना एक अस्पष्ट शब्द है। जूनियर गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ‘खेल भावना’ एक अस्पष्ट शब्द है। क्या यह खेल भावना के तहत नहीं आता कि आउट होने के बारे में पता होने के बाद भी कोई बाहर निकले।’’

भोगले चाहते हैं कि इसके नियम को सरल बनाया जाए जहां यह स्पष्ट रूप से कहा जाये कि बल्लेबाजों को क्रीज के अंदर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नियम सरल होना चाहिए। जब तक गेंदबाज के हाथ से गेंद नहीं निकलती है तब तक दूसरे छोर के बल्लेबाज को क्रीज के अंदर रहना चाहिए।’’

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