नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी साल 2008 में अपने खेल में टॉप पर थे। भारत को दक्षिण अफ्रीका में वर्ल्ड टी20 खिताब जिताने के बाद धोनी ने अपना नाम स्थापित कर लिया था। यही वजह थी कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के उद्घाटन सीजन के लिए वह सबसे प्रचलित खिलाड़ियों में से एक माने जा रहे थे। आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी में लंबी मशक्कत के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की टीम धोनी की सेवाएं 1.5 मिलियन यूएस डॉलर में लेने में कामयाब हुईं थी।
नीलामी के दौरान रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने एमएस धोनी को खरीदने के लिए काफी लड़ाई की। मगर उसने अपने हाथ खींच लिए और युवा क्रिकेटर को सीएसके में जाने दिया। उस समय को याद करते हुए आरसीबी के प्रमुख कार्यकारी चारू शर्मा ने कहा कि सिर्फ एक खिलाड़ी पर इतनी मोटी रकम खर्च करने के बारे में उनकी फ्रेंचाइजी डर रही थी।
अगर धोनी नहीं चलते तो...
चारू शर्मा ने बताया कि आरसीबी को इस बात का डर था कि अगर एमएस धोनी कुछ मैचों में फ्लॉप हुए तो फिर। उन पर लगाई मोटी रकम फालतू नजर आएगी। शर्मा के हवाले से क्रिकइंफो ने कहा, 'सिर्फ सोचकर देखिए कि चेन्नई ने धोनी को मोटी रकम पर खरीदा और वह फ्लॉप हुए। हमें जल्द ही पता चल गया था कि यह नीलामी लंबी जाएगी और हमारे लिए कारगर नहीं होगी। यह एक आदमी का शो नहीं बल्कि टीम गेम है। मान लीजिए कि अगर कुछ मैचों में धोनी बिना खाता खोले आउट होते हैं या फिर वह प्रदर्शन नहीं कर पाते। चेन्नई के फैंस जरूर पूछने लगते कि क्या सचमुच इतनी रकम में उन्हें खरीदने का फैसला सही था?'
चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए धोनी को खरीदना मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। पहली ही सीजन में सीएसके फाइनल में पहुंची, जहां उसे राजस्थान रॉयल्स से शिकस्त मिली। धोनी के नेतृत्व में सीएसके की टीम सभी एडिशन के प्लेऑफ में पहुंची। 2010, 2011 और 2018 में चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल खिताब जीते। धोनी के नेतृत्व में सीएसके ने 2010 और 2014 में चैंपियंस ट्रॉफी टी20 खिताब भी जीते। 174 मैचों में धोनी ने टीम को 104 मैचों में जीत दिलाई। वह आईपीएल में 100 से ज्यादा मैच जीतने वाले अकेले कप्तान हैं।
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