नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में एक बोर्डिंग स्कूल ने कथित तौर पर 14 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या की बात को 9 दिन तक छिपाकर रखा और पुलिस को बताए बगैर शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। हरियाणा के रहने वाले एक परिवार की बेटी जो 10 वीं कक्षा की में पढ़ती थी उसने अपने क्लास रूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। एक साल पहले ही उसने स्कूल में एडमिशन लिया था। परिवार का आरोप है कि उनकी बेटी का शव 3 जुलाई को स्कूल के क्लासरूम में टंगे सीलिंग पर लटका पाया गया। जब अभिभावकों ने छात्रा का बैग खोजा तो उसमें उन्हें कुछ पेपर की चिट्स मिली।
तीनों बच्चे बोर्डिंग स्कूल में
एक नोट्स में लिका गया है कि वह कैसे "अन्याय" की शिकार हो गई और वह कैसे अपनी जिदंगी से नफरत करती है क्योंकि उसका कोई दोस्त नहीं है। मृतका के परिजनों के मुताबिक उनके तीन बच्चे नोएडा के इसी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं जिसमें से एक बेटा दूसरी ब्रांच में पढ़ता है जबकि दो बेटिंया इसी स्कूल में पढ़ती हैं। परिवार के मुताबिक जून माह के दौरान स्कूल की तरफ से नोटिस आया कि परीक्षा को स्कूल में आकर ही देना होगा जिसके बाद परिवार ने तीनों बच्चों का मेडिकल कर 17 जून को उन्हें स्कूल छोड़ दिया।
स्कूल ने अचानक दी सूचना
मृतका की मां का कहना है कि उन्हें स्कूल की तरफ से फोन आया और कहा गया कि तत्काल स्कूल पहुंचे। परिवार ने लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए आर्थिक हालात का हवाला दिया तो स्कूल की तरफ से गाड़ी भेजी गई और परिजनों को स्कूल बुलवा लिया गया। जब परिजन वहां पहुंचे तो हैरान रह गए। उन्हें उस कमरे में ले जाया गया जहां बेटी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। उसके गले पर दो दुपट्टे थे। इस दौरान अभिभावकों के मोबाइल फोन स्कूल प्रबंधन ने अपने कब्जे में ले लिया।
परिवार का आरोप नहीं दिखाया सुसाइड नोट
मृतक छात्रा की मां ने बताया, 'उसने तभी भी स्कूल ड्रेस पहनी हुई थी। जब हमने पूछा कि ऐसा कैसे हुआ तो हमें बताया गया है कि उसने मेरे खिलाफ एक सुसाइड नोट लिखा है और अगर यह बात पुलिस तक पहुंचती है तो हमें दिक्कत हो सकती है। मैंने उन्हें नोट दिखाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने दिखाने से मना कर दिया।' परिजनों का यह भी आरोप है कि उनकी बेटी की आत्महत्या की बात छिपाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने उनकी छोटी बेटी को उसके कमरे में कैद कर दिया था
जबरन करवाए हस्ताक्षर
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मृतक छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनसे जबरन एक पेपर पर हस्ताक्षर करवाए गए जिसमें लिखा गया कि वह लंबे समय से बीमार थी और प्राकृतिक वजहों से उसकी मौत हुई है। मृतका की मां ने बताया,'मेरे पति के जबरन हस्ताक्षर लिए गए। मेरे अंगूठे का निशान भी लिया गया। हमने कहा कि बॉडी हमें सौंपी जाए तो उन्होंने नोएडा में अंतिम संस्कार कराने पर जोर डाला। नोएडा के भंगेल में अंति संस्कार किया गया।'
धौलाकुआं तक किया पीछा
इसके बाद परिवार को कार द्वारा घर भेज दिया गया जिसमें एक कार द्वारा धौलाकुआं तक उनका पीछा किया गया। घर लौटने पर उन्हें बैग में कुछ नोट्स मिले जिसमें से एक में मनीष तंवर और मनीष शर्मा का नाम कई बार लिखा गया। परिवार ने इसे लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एप्रोच किया। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथा को खत लिखा। परिवार को नोएडा जाने में डर लग रहा है क्योंकि उन्हें अपनी जान का खतरा है।
स्कूल ने कहा झूठ बोल रहा है परिवार
वहीं चांसलर ने मृतक लड़की के माता पिता पर ही आरोप लगा दिया है और कहा है कि वो जबरन स्टोरी गढ़ रहे हैं। चांसलर ने कहा, 'ये आरोप झूठे हैं। हमने उन्हें सुसाइड की कॉपी दिखाई थी जिसमें मृतका ने अपनी मां के खिलाफ लिखा था। परिवार कोई पुलिस केस नहीं चाहता था जिसकी वजह से अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है। हमें कहा गया है कि इस केस के बारे में ज्यादा बात करें।'