लखनऊ : हिस्ट्री शीटर अजीत सिंह की हत्या में संलिप्त मुख्य आरोपी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ सोमवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस का कहना है कि गिरधारी पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था और इस दौरान उसने पुलिस दल पर गोलीबारी की। पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई जिसमें वह मारा गया। बदमाशों ने गत छह जनवरी को लखनऊ में अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड में गिरधारी का नाम मुख्य रूप से उभरकर सामने आया।
हथियार छीनकर भागने लगा था गिरधारी
इस मुठभेड़ के बारे में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने कहा, 'आरोपी को एक हथियार की बरामदगी के लिए एक स्थान पर ले जाया गया। यहां पहुंचने पर आरोपी ने एक पुलिसकर्मी हमला किया और उसका हथियार छीनकर भागने लगा। इसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया। इस दौरान उसने पुलिस पर गोलीबारी की। गोलीबारी की इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ।' पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपी को सरेंडर करने के लिए कहा गया लेकिन उसने फिर से गोली। इस गोलीबारी में आरोपी घायल हो गया। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।
मुठभेड़ में एक पुलिस इंस्पेक्टर भी घायल
जानकारी के मुताबिक इस मुठभेड़ में एक पुलिस इंस्पेक्टर भी घायल हुआ। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया, 'हथियार की बरामदगी के लिए गिरधारी को खड़गपुर इलाके में ले जाया गया था। इस दौरान उसने सब इंस्पेकेटर अख्तर उस्मानी को धक्का देकर उनकी पिस्टल पर कब्जा कर लिया। इसी दौरान अन्य पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा किया और उसे सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ। गिरधारी ने अन्य पुलिसकर्मी अनिल सिंह पर गोलीबारी की। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे चारो तरफ से घेर लिया और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।'
अस्पताल में मृत घोषित हुआ गिरधारी
घायल हालत में गिरधारी को डॉक्टर आरएमएल अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें कि एक स्थानीय अदालत ने गत 13 फरवरी को गिरधारी को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में सौंपा था। हत्याकांड में उससे पूछताछ के लिए लखनऊ पुलिस उसे वाराणसी से लेकर आई थी। गिरधारी को सबसे पहले दिल्ली पुलिस ने गत 11 जनवरी को गिरफ्तार किया। इसके बाद वाराणसी पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर उसे लेकर वाराणसी आई।
'डॉक्टर', 'लोहार' के नाम से जाना जाता था गिरधारी
गिरधारी के सिर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस का कहना है कि अजीत सिंह की हत्या में गिरधारी ने अपनी 9 एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल किया था। गिरधारी पूर्वांचल के एक डॉन का करीबी था। विभूतिखंड के एसएचओ चंद्र शेखर सिंह ने कहा, 'पूर्वांचल के एक डॉन के इशारे पर गिरधारी ने अजीत को खत्म किया था। उसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी शूटर्स बुलाए थे।' पुलिस का कहना है कि 'हत्याओं के दौरान गिरधारी अपना हुलिया बदलने में माहिर था। अपराध की दुनिया में उसे 'डॉक्टर', 'लोहार' और 'दंगल' नाम से जाना जाता था।'