Moosewala Murder: गिरफ्तारी के डर से गोल्डी बराड़ उर्फ डॉक्टर हुआ अंडरग्राउंड-Video 

क्राइम
रवि वैश्य
Updated Jul 10, 2022 | 13:45 IST

Goldie Brar underground: गोल्डी बराड़ उर्फ डॉक्टर जिसका नाम पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में प्रमुखता से आ रहा था वो अंडरग्राउंड हो गया है।

Goldie Brar underground
गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है 

Sidhu Moosewala Murder update: पंजाबी सिंगर  सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले गोल्डी बराड़ (Goldie Brar) उर्फ डॉक्टर के बारे में खबर सामने आ रही है कि वो गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड (underground) हो गया है, गौर हो कि इंटरपोल ने सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस ( Red Corner Notice) जारी किया है।

गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है गौर हो कि उसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी और कहा जा रहा है कि उसके पाकिस्तान में छिपे होने की खबर है।

गौर हो कि गोल्डी बराड़ ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बराड़ के इस वक्त कनाडा में होने की बात कही जा रही है, पंजाब पुलिस ने इस मामले में बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था।

सतींद्रजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली

इससे पहले पंजाब पुलिस के दावे के उलट सीबीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के एक दिन बाद 30 मई को गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध प्राप्त हुआ था। कनाडा में रहने वाले सतींद्रजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है।

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पंजाब के मानसा जिले में 29 मई को मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी। पंजाब पुलिस ने बुधवार को दावा किया था कि उसने मूसेवाला की हत्या से 10 दिन पहले गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद सीबीआई ने अपना पक्ष रखा है।

'आरोपी बराड़ के खिलाफ वारंट जारी करने के करीब छह महीने बाद पत्र भेजा गया था'

सीबीआई ने कहा कि मौजूदा मामले में, पंजाब पुलिस की ओर से सतींद्रजीत सिंह उर्फ गोल्डी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के प्रस्ताव की हार्ड कॉपी सीबीआई, नयी दिल्ली को 30 मई 2022 को प्राप्त हुई थी। सूत्रों ने बताया कि राज्य पुलिस द्वारा जांच किए जा रहे दोनों मामलों में अदालत द्वारा आरोपी बराड़ के खिलाफ वारंट जारी करने के करीब छह महीने बाद पत्र भेजा गया था।

गौरतलब है कि रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के 195 सदस्य देशों की कानून लागू करने वाली एजेंसी को अनुरोध करने वाले सदस्य देश द्वारा वांछित भगोड़े का पता लगाने और उसे हिरासत में लेने के लिये अलर्ट करता है।

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