रायपुर (छत्तीसगढ़): लॉकडाउन के दौरान बढ़ी घरेलू हिंसा को रोकने और इस मुद्दे का उपाय निकालने के लिए रायपुर पुलिस ने 'चुप्पी तोड़' अभियान शुरू किया है, जिसमें पुलिस नियमित रूप से घरेलू हिंसा के पीड़ितों के संपर्क में रहती है ताकि उनकी सुरक्षा और हिंसा करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जा सके। इस अभियान के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी जा रही है। जनवरी और फरवरी के महीने में घरेलू हिंसा की लगभग 40 शिकायतें दर्ज की गईं थीं जबकि मौजूदा समय में रायपुर पुलिस को प्रति माह 60 से 65 घरेलू हिंसा के मामले मिल रहे हैं।
एएनआई से बात करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आरिफ शेख ने कहा, 'इस लॉकडाउन अवधि के दौरान कई घरेलू हिंसा के मामले दर्ज किए गए। इस मुद्दे को हल करने के लिए हमने 'चुप्पी तोड़' अभियान शुरू किया है। इसके तहत हमने पिछले तीन वर्षों में दर्ज किए गए घरेलू हिंसा के मामलों का मूल्यांकन किया है और लगभग 1500 पीड़ितों की पहचान की गई है।
अधिकारी ने आगे बताया, 'हम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दैनिक आधार पर लगभग 50 घरेलू हिंसा पीड़ितों को फोन करते हैं। पिछले चार दिनों में, हमें 150 से अधिक शिकायतें मिली हैं। कुछ शिकायतें पुरुषों द्वारा भी की गईं हैं, लगभग 10-15 पुरुषों ने अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत की है।'
रायपुर पुलिस ने घरेलू हिंसा पीड़ितों के लिए 11 प्रश्नों की एक प्रश्नावली तैयार की है जो उन्हें यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि पीड़ित सुरक्षित स्थान पर हैं। शेख ने कहा, 'हमने एक टोल-फ्री नंबर और एक व्हाट्सएप नंबर भी लॉन्च किया है जिसके माध्यम से पीड़ित हमसे संपर्क करते हैं। हम तुरंत मामले पर प्रतिक्रिया करते हैं। हम इसके पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, चाहे वह महिला हो या पुरुष।'
रायपुर एसएसपी ने कहा कि घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि के पीछे का कारण लॉकडाउन के दौरान लोगों का घरों में बंद रहना है। कुछ लोग जो शराब के आदी हैं और आर्थिक- वित्तीय परेशानियों के कारण ये घटनाएं बढ़ रही हैं।