लखनऊ: विकास दुबे और उसके गैंग का सफाया होने के बाद अब यूपी में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। सरकार से लेकर प्रशासन तक सभी का ध्यान अब माफियाओं के सफाए पर है और इसके लिए पुलिस का ऑपरेशन क्लीन चालू है। इसी कड़ी में अब पूर्वांचल के माफिया और मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ शिंकजा कसना शुरू हो गया है। अंसारी इस समय पंजाब की जेल में बंद है और यूपी नहीं आना चाहता।
कब्जाई जमीन पर कार्रवाई तेज
यही नहीं शासन की तरफ से अंसारी गैंग की तरफ से कब्जाई गई जमीन से कब्जा हटवाने का काम तेज हो गया है। पूर्वांचल में अपनी पकड़ रखने वाले अंसारी बंधुओं के खिलाफ तेज हुए इस अभियान के तहत पिछले एक हफ्ते के दौरान मुख्तार अंसारी की करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान गाजीपुर से बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को हराया था।
सहयोगियों के लाइसेंस निरस्त
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अभी तक प्रशासन ने मुख्तार के कई सहयोगियों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं और निलंबित हथियारों को मालखाने में जमा करवा दिया है। प्रशासन के इस कदम से अंसारी के करीबियों में हड़कंप मचा हुआ है। मऊ में गिरोह के कई लोगों द्वारा संचालित होने वाले अवैध कारोबार और वसूली के खिलाफ अभियान तेज हो गया है। कई लोग तो अंडरग्राउंड हो गए हैं।
जेल में बंद है मुख्तार
मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार और गैंग के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे मोहम्मद सालिम, नूरुद्दीन आरिफ और मसूद आलम के शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।और उनके हथियार थाने में जमा करा लिए गए हैं।पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर हत्या, अपहरण और उगाही के 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा यूपी प्रशासन ने वाराणसी के हिस्ट्रीशीटर श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित के घर कुर्की की कार्रवाई शुरू की जो अभी चित्रकूट जेल में बंद है