Jessica Lal murder case: जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की होगी रिहाई, सेन्टेंस रिव्यु कमेटी का फैसला

क्राइम
रवि वैश्य
Updated Jun 02, 2020 | 16:30 IST

LG of Delhi allows release of Manu Sharma:जेसिका लाल मर्डर के दोषी मनु शर्मा को जेल से रिहा करने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है, मनु शर्मा फिलहाल पैरोल पर जेल से बाहर है।

manu sharma
दिल्ली के उपराज्यपाल ने सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिश के बाद मनु शर्मा की रिहाई की अनुमति दी 
मुख्य बातें
  • 1999 में हुए बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड में मनू शर्मा को दोषी ठहराया गया था
  • दिल्ली के गृहमंत्री की अध्यक्षता में हुई सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक में इसकी सिफारिश की गई थी
  • सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिश के बाद दिल्ली के LG ने बाद मनु शर्मा की रिहाई की अनुमति दी

नई दिल्ली: जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी मनु शर्मा (Manu Sharma) की सजा समय से पहले खत्म कर दी गई है, दिल्ली सरकार की सजा समीक्षा बोर्ड ने ये अहम फैसला लिया है,मनु शर्मा को साल 2006 के दिसंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने 1999 में जेसिका लाल की हत्या (Jessica Lal Murder) के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी हाल ही में 11 मई को ही दिल्ली सरकार की सेन्टेंस रिव्यू कमेटी ने उनको रिहा करने को लेकर सिफारिश की थी।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिश के बाद मनु शर्मा की रिहाई की अनुमति दी। उन्हें 1999 में जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी ठहराया गया था, मनु शर्मा फिलहाल पैरोल पर जेल से बाहर है, मनु शर्मा हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। 

दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में हुई सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक में इसकी सिफारिश की गई थी गौरतलब है कि 
मनु शर्मा को जेल से रिहा करने की अपील पांच बार पहले भी कमेटी के सामने की गई थी, लेकिन खारिज कर दी गईं थी।

जेसिका लाल मर्डर केस पर एक निगाह 

जेसिका लाल नई दिल्ली में एक मॉडल थी, 29 अप्रैल 1999 को, उसकी तब गोली मार कर ह्त्या कर दी गयी जब वो एक भीड़ भरी उच्चवर्गीय पार्टी में एक प्रतिष्ठित बारमेड की तरह काम कर रही थी, दर्जनों गवाहों ने कातिल के रूप में हरियाणा में एक धनी कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा की निशानदेही की थी। 

सात साल चले मुक़दमे के बाद 21 फ़रवरी 2006 को, मनु शर्मा और अन्य कई लोगों को बरी कर दिया गया। मीडिया और जनता के जबरदस्त दबाव के बाद, अभियोजन पक्ष ने अपील की और दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्यवाही का आयोजन फास्ट ट्रैक पर दैनिक सुनवाई के साथ 25 दिनों तक किया।

निचली अदालत के फैसले को कानूनन दोषपूर्ण पाया गया और मनु शर्मा को जेसिका लाल की हत्या करने का दोषी पाया गया था। 20 दिसम्बर 2006 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी।

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