उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में 2/3 जुलाई की रात ना भुलाने वाली हो गई, जब वहां के बिकरु गांव में पुलिस की एक टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें एक सीओ, एक एसओ, दो एसआई तथा 4 जवान समेत 8 पुलिसकर्मी (Martyr policeman) शहीद हो गए थे शहीद होने वालों में डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा, भी शामिल थे पुलिस को सूचना मिली थी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गांव में छिपा है और विकास दुबे (Vikas Dubey) की क्रिमिनल हिस्ट्री को देखते हुए करीब 40 पुलिसकर्मियों की टीम वहां पहुंची थी।
इस मामले 3 जुलाई के बाद से 9 जुलाई तक कई घटनाक्रम हुए और मास्टरमाइंड विकास दुबे भी कानपुर पुलिस एनकाउंटर में मारा गया वहीं इस मामले में अब शहीद आठों पुलिस वालों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post-mortem) आ गई है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को बड़ी ही बेरहमी से मारा था और उनकी हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया था।पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा को चार गोली मारी गईं ऐसा बताया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि जिस तरीके विकास और उसके गुर्गों ने आठों पुलिस कर्मियों को मारा है उसके साफ लगता है कि सिर्फ मारना ही नहीं बल्कि बदला लेने का मकसद अहम था ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि उन सभी की हत्या ढूंढकर कर बेहद ही निर्दयता के साथ की गई थी और सीओ देवेंद्र मिश्रा को गोलियां मारने के बाद उनके पैर भी धारधार हथियार से काट दिया गया था।
पुलिसकर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगीं मिली थीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सभी गोलियां प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारी गईं हैं एक सिपाही को दो गोलियां मारी गईं वहीं अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियां मारी गईं जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई तीन पुलिस वालों के शरीर में गोलियों के टुकड़े मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बंट गए होंगे ऐसा कहा जा रहा है इन टुकडों को परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है।