तिहाड़ जेल की कॉल से खुला रंगदारी मामले का राज, तीन कुख्यात बदमाश गिरफ्तार

क्राइम
अनुज मिश्रा
अनुज मिश्रा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Sep 25, 2021 | 17:16 IST

दिल्ली के तिहाड़ जेल की एक कॉल ने बड़ा राजफाश किया और तीन कुख्यात अपराधी गिरफ्त में आ गए। इन तीनों बदमाशों पर जबरियन वसूली का आरोप है।

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तिहाड़ जेल से खुला रंगदारी का राज, तीन बदमाश गिरफ्तार 

दक्षिण पूर्वी जिले के थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की टीम ने तीन अपराधियों अनवर, अंकित और आसिम की गिरफ्तारी के साथ रंगदारी के मामले को सुलझाया है। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही रंगदारी के लिए इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा तीन मामलों भी सुलझाये।दरअसल 13 सितम्बर को रविंदर वर्मा नाम के शिकायत कर्ता नेथाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में शिकाएत दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कि वह न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रवि ज्वैलर्स के नाम से एक आभूषण की दुकान के मालिक हैं। 11 सितम्बर को उनके पास 901924xxxx नंबर से रंगदारी की कॉल आई जिसमें फोन करने वाले ने 4 लाख रुपये की मांग की और धमकी दी कि अगर चौबीस घंटे में पैसा नहीं दिया गया तो वे उसे मार देंगे।

पीड़ित पहले भी बन चुका था शिकार
शिकायतकर्ता ने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया। उसके बाद फोन करने वाला जान से मारने की धमकी के मैसेज भेजता रहता था। जिसके बाद पुलिस ने इस बाबत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि शिकायतकर्ता ने बताया कि साल 2015 में फिरौती की कॉल के जवाब में उसने अज्ञात आरोपियों को 4 लाख रुपये दिए थे क्योंकि वह डर गया था और उसने पुलिस को भी इसकी सूचना नहीं दी थी। दोबारा 2015 में बंदूक की नोंक पर उससे लूटपाट की और आरोपियों ने जबरन उससे 50000 नकद रुपये ले लिए।

जेल से रंगदारी का कारोबार
जांच के दौरान पता चला कि  11 और 13 सितंबर 2021 को एक मोबाइल नंबर 901924xxxx से फिरौती की कॉल की गई थी। उक्त मोबाइल नंबर श्री गिरिजेश यादव, यूपी के नाम से पंजीकृत पाया गया था। छापेमारी करने के बाद, टीम ने ओखला फेज- III, दिल्ली से श्री गिरिजेश यादव का पता लगाया, जहां वो एक फार्मा के रूप में काम कर रहा था। जांच में पता चला कि उसका मोबाइल फोन 17.07.2021 को चोरी हो गया था। सीडीआर की तकनीकी निगरानी और विश्लेषण पर, यह देखा गया कि श्री गिरिजेश के चोरी हुए मोबाइल फोन का सिम 19.08.2021 को एक एलवाईएफ मोबाइल फोन में डाला गया था। लेकिन कोई कॉल नहीं की गई। उसके बाद 04.09.21 को उक्त सिम को एक इनफोकस कंपनी के मोबाइल फोन में डाल दिया गया और 11 व 13 सितंबर 2021 को शिकायतकर्ता को रंगदारी की कॉल की गई।

तकनीकी जांच में पकड़ में आए बदमाश
टीम ने दोनों मोबाइलों की आईएमईआई को सर्विलांस पर लगा दिया। सीडीआर विश्लेषण में पाया गया कि उक्त मोबाइल फोन का उपयोग पहले एक मोबाइल नंबर 966795xxxx द्वारा 14.11.2020 को केवल डेढ़ घंटे के लिए किया था। हालांकि उस वक्त कोई खास कॉल नहीं की गई थी।  जांच करने पर पता चला कि नंबर तिहाड़ जेल नंबर-4 का है। पूछताछ के दौरान पता चला कि अफरोज  पुत्र यासीन थाना मालवीय नगर के एक हत्या मामले की प्राथमिकी संख्या -187/2017 में पैरोल पर है। वह तिहाड़ जेल नंबर-4 में बंद था। लेकिन, विस्तार से पूछताछ के बावजूद, परिवार के सभी सदस्य नवंबर 2020 में इस्तेमाल किए गए इनफोकस मोबाइल फोन के बारे में याद करने में असमर्थ थे।

सीडीआर का कई दफे विश्लेषण
टीम ने आगे कई सीडीआर का विश्लेषण किया और पाया कि 03.11.2020 को केवल एक मिनट के लिए  एलवाईएफ मोबाइल फोन में एक सिम नंबर 93XXXX2011 डाला गया था। उसके बाद मार्च 2021 से उक्त मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया गया था। उक्त मोबाइल नंबरों के सीडीआर प्राप्त करने के बाद यह पता चला कि तिहाड़ जेल नंबर-4 के एक ही लैंडलाइन नंबर से विभिन्न इनकमिंग कॉल उस नंबर पर प्राप्त हुई थीं। तकनीकी निगरानी के आधार पर टीम एक व्यक्ति अनीश  पुत्र गंगाराम निवासी राज नगर पार्ट-2, पालम कॉलोनी, दिल्ली तक पहुंची, जो एक दूसरे की हत्या के मामले में तिहाड़ जेल नंबर-4 में भी बंद था|  दिनांक 7/2017 थाना सदर बाजार, दिल्ली और वर्तमान में पैरोल पर था। पूछताछ करने पर, अनीश और अफरोज से जवाबी पूछताछ की गई और उन्होंने एक-दूसरे की पहचान की। इसके अलावा, उन्होंने खुलासा किया कि उनके एक दोस्त अंकित निवासी इस्माइलपुर, फरीदाबाद ने उनसे उक्त इंफोकस मोबाइल फोन दिया था।

छापेमारी के दौरान पकड़ में आए बदमाश
टीम ने अंकित के ठिकाने पर छापेमारी की और आखिरकार उसे अपोलो अस्पताल, सरिता विहार के पास से दबोच लिया। आरोपी व्यक्ति की पहचान अंकित @ गोलू पुत्र विनोद निवासी रोशन नगर, इस्माइलपुर, फरीदाबाद उम्र-24 वर्ष के रूप में हुई है। लगातार पूछताछ के बाद उसने खुलासा किया कि उसने वह मोबाइल फोन और सिम अपने दोस्त अनवर निवासी बटला हाउस को 2,500/- रुपये में दिया था। आरोपी अंकित के कहने पर टीम ने अनवर ओमेश पुत्र शकील अनवर निवासी बटला हाउस, जामिया नगर, ओखला को उसके परिसर से गिरफ्तार किया। विवरण की जांच के बाद, यह पता चला कि अनवर 22 जुलाई 2021 से पैरोल पर है। उसके पास से जबरन वसूली के लिए इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

लगातार पूछताछ के बाद आरोपी अंकित ने खुलासा किया कि उसके पास आजीविका कमाने के लिए कोई काम नहीं है। उसने उक्त मोबाइल फोन अनीश से लिया, जिनसे वह तिहाड़ जेल में मिला था जब उसे एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और तिहाड़ जेल नंबर 4 भेज दिया गया था। उसने उक्त मोबाइल फोन और सिम आरोपी अनवर को 2,500/- रुपये में बेच दिया। शराब की अपनी तलाश को पूरा करने के लिए रुपये की जरूरत है।

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