नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के कालागाछ में एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी हत्या के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने रोड ब्लॉक क्या और पुलिस के वाहनों के साथ और भी सार्वजनिक बसों को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात करने पड़े। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
मामले पर पश्चिम बंगाल के मंत्री गौतम देब ने कहा, 'ये बहुत दुखद घटना है। हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं। जांच की जाएगी और दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। हम पीड़ित परिवार से मिलेंगे।'
वहीं विपक्षी भाजपा ने कहा कि लड़की एक स्थानीय पार्टी नेता की बहन थी और टीएमसी नेता द्वारा उसका बलात्कार किया गया और हत्या की गई। हालांकि सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को खारिज कर दिया है और भाजपा पर 'लोगों के एक वर्ग को उकसाने और शांति भंग करने' की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
पेड़ के पास मिला शव
बताया जाता है कि 15 साल की लड़की को पहले अगवा किया गया और फिर दूसरी जगह ले जाया गया जहां उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर मरने के लिए छोड़ दिया गया। उसका शव सोनारपुर इलाके में एक बरगद के पेड़ के पास मिला। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में हत्या की गई। मृतका की बड़ी बहन ने कहा, 'मेरी बहन शनिवार रात से लापता थी। पूरी रात उसकी तलाश करने के बाद हमें उसका शव सुबह एक बरगद के पेड़ के पास मिला। उसके मुंह में जहर था। उसका बलात्कार किया गया था।'
लोगों में गुस्सा
नाबालिग का शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को जाम कर दिया। उन्होंने कहा कि वे तब तक विरोध जारी रखेंगे जब तक अपराधियों को पकड़कर दंडित नहीं किया जाता। इस दौरान बसों और पुलिस वाहन को निशाना बनाया। सड़क पर टायरों में आग लगा दी गई और आंसू गैस के गोले दागने वाले पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मौत का कारण 'जहर का असर' बताया और कहा कि शारीरिक या यौन हमले के कोई संकेत नहीं थे। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।