नोएडा: नोएडा में रहने वाले एक शख्स पर प्यार का ऐसा खुमार चढ़ा कि उसने अपने हंसते-खेलते परिवार को ही खत्म (Noida Man Kills Wife & Kids) कर दिया। महिला पुलिसकर्मी के प्यार में गिरफ्त युवक ने प्रेम प्रसंग के चलते अपनी पत्नी और दो बच्चों का मर्डर करि दाया। इतना ही नहीं आरोपी ने शवों को घर के बेसमेंट में छिपा दिया तांकि किसी को पता ना चल सके। इसके बाद आरोपी ने अपने दोस्त की भी हत्या कर दी और पहचान छिपाने के लिए शव को बुरी तरह कुचल दिया। वारदात के तीन साल बाद मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस भी हैरान रह गई। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।
अफेयर की खातिर की चार हत्याएं
पुलिस के मुताबिक, फरवरी 2018 में अपने परिवार की हत्या के बाद राकेश ने अपनी पत्नी रत्नेश (तब 27) और बच्चों अवनि (3) और अर्पित (1) के शवों को बिसरख के चिप्याना इलाके में स्थित अपने घर के तहखाने में दफना दिया था। फिर उसने कासगंज के ढोलना इलाके में अपने दोस्त राजेंद्र की कथित तौर पर हत्या कर दी, उसकी बॉडी को फेंक दिया और शव के पास ही अपना आधार कार्ड और एलाईसी के पेपर रख दिए ताकि पुलिस को यह लगे उसका मर्डर हो गया है। राकेश ने कथित तौर पर ये मर्डर यूपी पुलिस की महिला कांस्टेबल के साथ अपने अफेयर को आगे बढ़ाने के लिए किए।
पिता-पुत्र की जोड़ी बनाती रही बेवकूफ
बाद में, राकेश ने अपने पिता, जो यूपी पुलिस के एक सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल थे, उनके साथ कथित तौर पर अपनी मौत का नाटक करने की साजिश रची। पिता-पुत्र की जोड़ी कासगंज और गौतमबुद्ध नगर पुलिस को तीन साल से अधिक समय तक बेवकूफ बनाती रही। जबकि मृतक के परिवार के सदस्य अपनी "लापता बेटी और पोते" की तलाश में दर-दर भटक रहे थे और बिसरख पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, राकेश इस दौरान जम्मू और कश्मीर, यूपी, पंजाब सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक अलग नाम से रह रहा था।
पिता ने बनाई कहानी
जब पुलिस ने अप्रैल 2018 में कासगंज के ढोलना इलाके से एक शव बरामद किया, तो राकेश के पिता बनवारीलाल ने दावा किया कि यह उनके बेटे का है। हालांकि, ढोलना के निवासियों ने शव की पहचान राकेश के दोस्त राजेंद्र के रूप में की थी। बिसरख एसएचओ अनीता चौहान ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'राजेंद्र के परिवार ने उनके शरीर की पहचान की और उसका अंतिम संस्कार करना चाहते थे, बनवारीलाल ने दावा किया कि यह शव उनके बेटे का था। उन्होने अपने बेटे के साथ मिलकर उसकी मौत का फर्जीवाड़ा किया था।'
ऐसे चढ़ा हत्थे
तीन साल से अधिक समय के बाद, कासगंज पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले कि राकेश फर्जी नाम से रह रहा था और उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बनवारीलाल भी पकड़ा गया और दोनों को चिप्याना इलाके में लाया गया ताकि पता लगाया जा सके कि परिवार के सदस्यों के शवों को कहाँ दफनाया गया था। घर का बेसमेंट खोदने के बाद तीन कंकाल मिले। चौहान ने कहा कि पहचान की पुष्टि के लिए उन्हें डीएनए जांच के लिए भेजा जाएगा।