Delhi Police: दिल्ली पुलिस का दावा-अब राजधानी सुरक्षित है, सड़क अपराधों और हत्याओं में बड़ी गिरावट

Delhi Police: राजधानी दिल्‍ली अपराध के मामले में लगातार सुरक्षित बनती जा रही है। यह दावा दिल्‍ली पुलिस ने किया। पुलिस ने पिछले दो साल के आपराधिक आंकड़ें जारी कर दावा किया कि, राजधानी के अंदर पिछले दो सालों में हत्या के मामलों में 12 फीसदी की गिरावट आई है। साथ ही महिलाओं को न्‍याय दिलाने में भी दिल्‍ली का रिकॉर्ड देश की तुलना में बेहतर है।

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राजधानी के एक इलाके में गस्‍त करते दिल्‍ली पुलिस के अधिकारी   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • हत्‍या और सड़क अपराध के मामलों में 12 फीसदी की गिरावट
  • शहर के अंदर स्नैचिंग के मामलों में 60 फीसदी की कमी
  • आपराधिक तत्वों की गिरफ्तारी में 219 फीसदी की भारी वृद्धि

Delhi Police:  राजधानी दिल्ली के अंदर पिछले दो साल में हत्‍या के मामलों में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2019 से 2020 तक हत्या के मामलों में 9 फीसदी और वर्ष 2021 में 3 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह दावा दिल्‍ली पुलिस कर रही है। रविवार देर शाम दिल्‍ली पुलिस ने ट्वीटर पर सिलसिलेवार तरीके से कई आंकड़ जारी कर दावा किया कि, शहर के अंदर हत्‍या और सड़क अपराध की घटनाओं में पिछले दो साल के अंदर भारी कमी आई है।

पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, केवल 9 प्रतिशत हत्याएं आपराधिक मकसद से हुई थीं। बाकी अचानक उकसावे, व्यक्तिगत दुश्मनी और अन्य कारणों से की गई। इसके अलावा, पूर्व-कोविड समय की तुलना में, आपराधिक तत्वों की गिरफ्तारी में 219 फीसदी की भारी वृद्धि हुई है। पुलिस का दावा है कि, आपराधिक तत्वों की इन गिरफ्तारी से सड़क पर होने वाले अपराधों की घटनाओं में भारी कमी आई है, जिससे शहर नागरिकों के लिए सुरक्षित हो गया है।

स्नैचिंग के मामलों में आई 60 फीसदी की कमी

इन आंकड़ों के अनुसार, 2021 में इसी समयावधि की तुलना में 2022 में स्नैचिंग की पीसीआर कॉलों में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, 2022 में गिरफ्तार किए गए स्नैचरों की संख्या 2021 की तुलना में काफी अधिक है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि, 60 प्रतिशत पीसीआर कॉलों में गिरावट के कई कारण हैं। इसमें मामलों का त्वरित पंजीकरण, अपराधियों की पहचान, निगरानी, जांच और गिरफ्तार जैसे कारण मुख्‍य हैं।

महिलाओं को न्‍याय दिलाने में भी दिल्‍ली आगे

दिल्‍ली पुलिस के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के मामले में दिल्ली का रिकॉर्ड देश के औसत से बेहतर है। पूरे देश में दोषसिद्धि दर 39 प्रतिशत है, जबकि दिल्ली में दोषसिद्धि दर 47 प्रतिशत 2020 में थी। बलात्कार जैसे संवेदनशील मामलों में, वर्ष 2020 में 96 प्रतिशत मामलों में आरोप पत्र दायर किया गया था, जिसमें से 47 प्रतिशत अपराधियों को दंडित किया गया। वहीं राष्‍ट्रीय आंकड़ा 59 प्रतिशत की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में आईपीसी अपराधों की सबसे अच्छी सजा दर 85 फीसदी है।

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