नई दिल्ली: 40 साल की एक महिला जिसने लगातार कई साल तक सितम सहे लेकिन आखिरकार आरोपी मामा को उसने अदालत में लाकर खड़ा कर ही दिया। 4 साल की छोटी उम्र से महिला से रेप किया जा रहा था और जब तक छात्रा 10वीं में पहुंची वह गर्भवती होने के कारण तीन बार गर्भपात करा चुकी थी। महिला के अनुसार साल 1981 में पहली बार उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उमेद सिंह ग्रेवाल ने कहा कि बलात्कार और आपराधिक धौंसपट्टी के कथित अपराध का मामला है और आरोपी पीड़िता की सौतेली बहन का पति भी है। मामले में साल 2016 में पहली बार महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
पीड़िता के अनुसार साल 2014 में उसका तलाक हो गया था और इसके बाद से ही आरोपी पीड़िता को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर कर रहा था। पीड़िता ने जब अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों को इस बारे में बताया तो किसी ने उसकी मदद नहीं की और सबने शिकायत करने के लिए उलटे उसे ही डांटा। साथ ही इस बारे में किसी और से नहीं बताने के लिए कहा गया।
बाद में पीड़िता की सौतेली बहन से आरोपी की शादी हो गई और वह घर आकर बार बार पीड़िता को परेशान करने लगा। साल 2016 में शिकायत करने के बाद पीड़िता की मां की मौत हुई लेकिन उसे अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया गया। इसके लिए शर्त रखी गई कि उसे आरोपी के साथ समझौता करना होगा।
पीड़िता का यह भी आरोप है कि आरोपी और उसके बेटों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। कोर्ट में आरोपी के ऊपर शिकंजा कसता जा रहा है। आरोपी का वकील आरोपों पर राजी हो गया है लेकिन उसका कहना है कि आरोपी के अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ कोई आरोप नहीं होना चाहिए क्योंकि यह अस्पष्ट और सामान्य हैं।
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