नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें दिल्ली के विधायकों का वेतन (Delhi MLAs Salary) बढ़ाकर अन्य राज्यों के विधायकों के बराबर करने की बात कही गई थी। आम आदमी पार्टी सरकार ने दिसंबर 2015 में दिल्ली विधानसभा में एक विधेयक पारित कराया था जिसमें विधायकों का मासिक वेतन बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने का प्रावधान था।
सूत्रों ने बताया कि इसे विधानसभा में पेश करने से पहले संबंधित अधिकारियों की अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए विधेयक निरस्त हो गया। सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'दिल्ली में विधायक भारत में सबसे कम वेतन पाने वाले विधायक बने रहेंगे।' सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में यह मामला उठाया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों की सैलरी बढ़ाने को लेकर एक प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है।केंद्र सरकार की ओर से प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद अब मंगलवार को एक बार फिर विधायकों के वेतन व भत्ते में वृद्धि को लेकर दिल्ली कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार पूरी तैयारी कर चुकी है और इस बाबत प्रस्ताव एक बार फिर केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
गौर हो कि दिल्ली के विधायकों के वेतन में पिछले 10 साल से बढ़ोतरी नहीं हुई है, नवंबर 2011 में सैलरी बढ़ाकर 54,000 रुपये की गई थी। 2015 में दिल्ली विधानसभा ने विधायकों की सैलरी में संशोधन संबंधी यह बिल पास किया था, इस बिल के आधार पर केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार को विधायकों की वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसके बाद से लगातार यह मामला लटकता आ रहा है।
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