नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कोरोना की तैयारी को लेकर जो कुछ कह रहे थे कि वो अब सवालों के घेरे में है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेलगाम हो चुकी है। दिल्ली सरकार का मानना है कि जुलाई अंत तक राजधानी में कोरोना संक्रमितों की आंकड़ा साढ़े पांच लाख के करीब होगा ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार जो दावे कर रही थी वो जमीनी स्तर पर कितना पुख्ता थी।
संजय सिंह ने यूपी और हरियाणा को बताया जिम्मेदार
ताजा मामला और विवाद सिर्फ इस बात पर है कि दिल्ली के अस्पतालों में क्या कोरोना पीड़ित गैर दिल्ली वालों का इलाजा होना चाहिए या नहीं। सीएम केजरीवाल ने जनता के सुझाव पर गैर दिल्लीवालों के इलाज पर रोक लगाई। इस विषय पर जमकर सियासत हुई और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के फैसले को पलट दिया। फैसला पलटा को सियासत आप ने शुरू की। उदाहरण के तौर पर आप सांसद संजय सिंह कहते हैं कि खट्टर और योगी सरकार के दबाव में उपराज्यपाल ने फैसला पलट दिया। तो इसके साथ ही यूपी और हरियाणा में स्वास्थ्य इंतजामों पर आरोप गढ़ दिया।
दिल्ली बीजेपी ने आप पर साधा निशाना
आप के इस तरह के आरोपों पर दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता कहते हैं सिर्फ कुछ दलों को छोड़कर सभी दलों ने यह कहा कि बिना लक्षण वाले मरीजों को भर्ती नहीं करना और सिर्फ दिल्ली वालों के लिए बेड आरक्षित करना गलत है। उन्होंने कहा कि सच यह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार शुरुआत से दिल्ली वालों को भरमाने का काम कर रही थी। अब जब हालात बेकाबू हो चुके हैं तो दोषारोपण किया जा रहा है।
आंकड़ों की कहानी कुछ और
अब यहां एक आंकड़े के जरिए समझने की आवश्यकता है कि संजय सिंह जिन आरोपों का जिक्र कर रहे हैं वो कितना सही है। अगर बात यूपी की करें तो यहां की आबादी करीब 23 करोड़ है और कोरोना संक्रमितों की रफ्तार 10 हजार के करीब है और मरने वालों की संख्या 257 है। अगर दिल्ली की बात करें तो यहां की आबादी 1.9 करोड़ के करीब है और कोरोना संक्रमितों की संख्या तीस हजार के करीब है और मरने वालों का आंकड़ा 761 है। हरियाणा की आबादी करीब 2.5 करोड़ है, कोरोना संक्रमितों की संख्या 3, 952 और मरने वालों की संख्या 24 है। अब सवाल यह है कि क्या संजय सिंह जो यूपी और हरियाणा पर आरोप लगा रहे हैं वो सही है।
ये है जानकार की राय
जानकार कहते हैं कि सच यह है कि कहीं न कहीं हालात का आंकलन करने में चूक गई है। एक तरफ केजरीवाल सिर्फ तीन दिन पहले यह कहते रहे हैं कि दिल्ली में बेड्स की कमी नहीं है। इसके साथ ही कोविड 19 के लिए 9500 बेड्स हो जाएंगे। तो आखिर में यह आंकड़ा कहां से आया कि जुलाई के अंत में साढ़े पांच लाख मरीज और 80 हजार बेड्स की जरूरत होगी। अगर हकीकत और अनुमान को एक पल के लिए सही मान लिया जाए तो केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता से झूठ बोल रही थी।
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