नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं, ऐसे में ICU बिस्तर का संकट मुश्किलें बढ़ा सकता है। अनलॉक 4 में पहले से ही है लोग ज्यादा बाहर निकल रहे हैं, जिसमें से कई मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में एक बार फिर कोरोना का कहर बढ़ता दिख रहा है।
न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार, वेंटिलेटर की सुविधा के साथ आईसीयू वाले कई प्राइवेट अस्पतालों में पहले ही बेड भर चुके हैं। 93 कोविड-19 अस्पतालों में से 23 अस्पतालों में कोई जगह नहीं है। बुधवार सुबह तक दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप से ये जानकारी मिली। इन अस्पतालों में वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड की उपलब्धता शून्य हो गई है। ऐसे अस्पतालों में मैक्स, फोर्टिस, इंद्रप्रस्थ अपोलो और आकाश हेल्थकेयर जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
93 में से 74 में जिसमें केंद्र द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया और म्यूनिसिपैलिटी के स्वामित्व वाले हिंदू राव अस्पताल भी हैं, यहां प्रत्येक में आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधा के साथ पांच से कम बेड हैं। सामने आया है कि इन अस्पतालों में अधिकांश मरीज दूसरे राज्यों से हैं। एक अनुमान के अनुसार, दिल्ली के 60-70 फीसदी बेड्स पर इलाज के लिए विभिन्न शहरों से आए मरीजों का कब्जा है। इसके अलावा, रोगियों को ठीक होने में भी अधिक समय लग रहा है।
राजधानी में स्थिति आगे संकट पैदा कर सकती है। पहले यहां हर रोज 1000 से कम मामले आ रहे थे, लेकिन पिछले सात दिनों में 1700 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। दो मौकों पर मामलों का आंकड़ा 2000 से ऊपर चला गया और आज 2500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। बुधवार को कोविड-19 के 2509 नए मामले सामने आए जो लगभग दो महीने में एक दिन में सामने आए सर्वाधिक मामले हैं। यहां कुल मामलों की संख्या 1.79 लाख से अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में 19 और लोगों की मौत हो गई जिससे महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 4481 हो गई है। शहर में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 16,502 हो गई।
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