नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति गंभीर होती जा रही है। यह ऐसे समय हो रहा जब देश में लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अनलॉक-1 की शुरुआत हुई है। दिल्ली में हर रोज कोविड के नए मामले जिस तरह से बड़ी संख्या में उभरकर सामने आ रहे हैं उससे इस महामारी को रोकने के सरकार के प्रयासों पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली की गंभीर होती स्थिति को इस बात से समझा जा सकता है कि बीते 15 दिनों में यहां की हॉटस्पॉट जगहों एवं कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
हॉटस्पाट की संख्या बढ़कर हुई 158
पिछले 18 मई को लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत हुई थी और उस समय राजधानी में कंटेनमेंट जोन की संख्या 73 थी लेकिन 3 जून को यह संख्या बढ़कर 158 हो गई। इन 15 दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या भी दोगुनी हुई है। गत 18 मई को दिल्ली में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 10,054 था जो बढ़कर 23645 हो गया है। दिल्ली में केंटनमेंट जोन एवं कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या चिंतित करने वाली है। कंटेनमेंट जोन की संख्या अगर यू हीं बढ़ती रही समूची दिल्ली कंटेनमेंट जोन में तब्दील हो सकती है। यदि कोई इलाका कंटेनमेंट जोन की श्रेणी में आ जाता है तो उसे दोबारा 28 दिनों के बाद खोला जाता है लेकिन शर्त यह होती है कि इस दौरान वहां कोई नया केस सामने न आए।
केजरीवाल को अस्पतालों पर भरोसा
गृह मंत्रालय ने केंटनमेंट जोन को छोड़कर अन्य इलाकों में सावर्जनिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की छूट दे दी है लेकिन दिल्ली में हालात अगर नहीं सुधरे तो यहां स्थिति भयावह हो सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिंता जताई है लेकिन उन्हें दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग एवं अपने अस्पतालों पर भरोसा है।
80 फीसद मरीजों में लक्षण नहीं
दरअसल, बात केवल मरीजों की बढ़ती संख्या पर नहीं है। यहां जो मरीज कोविड-19 से संक्रमित पाए जा रहे हैं उनमें करीब 80 फीसद ऐसे हैं जिनमें इस महामारी का कोई लक्षण नहीं मिला है। यही नहीं ये मरीज कोविड-19 के संपर्क में कैसे आए इसका पता लगाना भी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मुश्किल हो रहा है। यानि कि दिल्ली में कोरोना कैरियर के बारे में जानकारी करना एक समस्या के तौर पर उभरने लगा है।
आरोप-प्रत्यारोप भी जारी
दिल्ली में बढ़ती कोरोना की संख्या पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार के अस्पताल राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) पर कोरोना की गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। चड्ढा ने बुधवार को कहा कि अस्पताल तय जांच प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहा है। वहीं अस्पताल ने आप विधायक के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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