नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा में जान वाले खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा के भाई को दिल्ली सरकार ने नौकरी दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को उन्हें नियुक्ति का सर्टिफिकेट सौंपा। अंकित शर्मा के भाई को दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में नौकरी दी गई है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की जान गई थी, जिसके बाद परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी दी गई थी।
अंकित शर्मा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट तैयार की, उसमें आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आई। इसमें कहा गया कि अंकित शर्मा को करीब 50 बार चाकुओं से गोदकर बर्बरतापूर्ण तरीके से हत्या की गई। अंकित की हत्या खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैर के घर के पास की गई थी। आईबी कर्मचारी की हत्या के बाद भीड़ ने उनका शव पास के ही नाले में फेंक दिया था, जहां से बाद में इसे बरामद किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा- अंकित शर्मा के शरीर पर थीं 51 चोटें, चाकुओं और रॉड से किया था हमला
अंकित शर्मा का शव 27 फरवरी, 2020 को चांद बाग इलाके में एक नाले में मिला था। पुलिस के मुताबिक, सोची-समझी साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया गया। दंगाई शिव विहार के राजधानी स्कूल में छिपे थे, जहां से उन्होंने फायरिंग की। यहां से उन्होंने पेट्रोल बम, एसिड और पत्थर भी फेंके थे। चार्जशीट के मुताबिक, दंगाइयों ने डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल में लूटपाट की और पास की एक इमारत में आग भी लगाई।
अंकित शर्मा मर्डर केस : दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आई
अंकित शर्मा की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई थी, उसमें उनके फेफड़ों और मस्तिष्क में गंभीर चोटों के कारण रक्तस्राव को मृत्यु का कारण बताया गया था। उनके शरीर पर 51 चोटों की भी पुष्टि हुई थी। जांघ, पैर और पीठ पर धारदार हथियारों से वार किया गया था। घटना के बाद अंकित शर्मा की मां ने बताया था कि वह ड्यूटी से लौटे थे, जिसके बाद उन्होंने बेटे के लिए चाय बनाई थी। इसी बीच कुछ पड़ोसियों ने भीड़ द्वार बाहर लोगों को मारने की बात कही, जिसके बाद अंकित उन्हें बचाने के लिए बाहर निकल गए। वहीं दंगाइयों ने उन्हें सड़क पर घसीटा और हत्या कर दी।
(पुलकित नागर के इनपुट के साथ)
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