नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के बैंक खातों में 5-5 हजार रुपये जमा करने का फैसला लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। दिल्ली में प्रदूषण के चलते तोड़फोड़ व निर्माण गतिविधियों पर रोक के कारण श्रमिकों को हुए आर्थिक नुकसान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और अन्य राज्यों की सरकारों को श्रमिकों को गुजारा भत्ता देने के लिए कहा था।
दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए पिछले दिनों निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। यह रोक 21 नवंबर तक के लिए थी, जिसके बाद हालात में सुधार को देखते हुए निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर से प्रतिबंध सोमवार को हटा लिया गया था और 22 नवंबर से इन्हें जारी रखने की मंजूरी दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए फिर से यह प्रतिबंध लगा दिया और राज्यों को निर्देश भी दिए।
दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कई शहरों में प्रदूषण के हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से बीते साल के आंकड़ों के आधार पर एनसीआर के इलाकों में वायु गुणवत्ता को लेकर एक वैज्ञानिक अध्ययन करने और प्रदूषण की रोकथाम के लिए एहतियाती उपाय जारी रखने को कहा था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों से निर्माण गतिविधियों पर रोक की अवधि के दौरान श्रमिकों को श्रम उपकर के तौर पर एकत्रित धनराशि में से गुजारा भत्ता देने के लिए कहा।
अदालत के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के खातों में 5-5 हजार रुपये देने के निर्देश दिए हैं। उनकी सरकार न्यूनतम मजदूरी के आधार पर श्रमिकों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी इस संबंध में बयान जारी किया और कहा कि प्रतिबंध फिर से लागू करने से मजदूरों को असुविधा होगी, इसलिए उन्हें वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए श्रम विभाग को योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
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