Delhi News: दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहती है। अब दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ई साइकिल पर सब्सिडी देने की घोषणा की है। दिल्ली सरकार ई-साइकिल खरीदने वाले पहले 10,000 खरीदारों को 5,500 रुपये की सब्सिडी देगी। इसके साथ ही ई-साइकिल के पहले 1,000 खरीदारों को 2,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। दिल्ली सरकार व्यावसायिक उपयोग के लिए भारी शुल्क वाले कार्गो ई-साइकिल और ई-कार्ट की खरीद पर भी सब्सिडी देगी। कार्गो ई-साइकिल पर सब्सिडी पहले 5,000 खरीदारों के लिए प्रत्येक के लिए ₹ 15,000 होगी। कैलाश गहलोत ने कहा पहले ई-कार्ट के खरीदारों को सब्सिडी प्रदान की जाती थी, लेकिन अब इन वाहनों को खरीदने वाली कंपनी या कॉरपोरेट घरानों को भी 30,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि केवल दिल्ली के रहने वाले लोग ही सब्सिडी योजना के लिए पात्र होंगे। इस समय दिल्ली ई साइकिल पर सब्सिडी देने वाल पहला राज्य बन गया है। इस समय दिल्ली की सड़कों पर 45,900 ई-वाहन चल रहे हैं, जिनमें से 36 फीसदी दोपहिया वाहन हैं। दिल्ली में कुल पंजीकृत वाहनों में ई-वाहनों का प्रतिशत 12 प्रतिशत से उपर है।
दिल्ली की सड़कों पर 3500 ई ऑटो चलेंगे
बता दें कि, हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इलेक्ट्रिक ऑटो को हरी झंडी दिखाई थी। इस दौरान सीएम ने कहा था कि दिल्ली की सड़कों पर देश में सबसे अधिक ई ऑटो दौड़ेंगे। दिल्ली की सड़कों पर 3500 ई ऑटो चलेंगे जो 3500 परिवारों को रोजगार देंगे। इससे दिल्ली को प्रदूषण से लड़ने में भी मदद मिलेगी और इसमें 500 ई-ऑटो महिलाओं द्वारा चलाए जाएंगे।
जानें कैसी होती है इलेक्ट्रिक साइकिल
इलेक्ट्रिक साइकिल किसी सामान्य साइकिल जैसी ही होती है लेकिन इसमें बैटरी से चलने वाली मोटर लगी होती है, जिससे पैडल चलाते समय कम मेहनत लगती है। अगर आप मोटर सपोर्ट नहीं चाहते तो भी इसे एक सामान्य साइकिल जैसे चलाया जा सकता है। इलेक्ट्रिक साइकिल को E-Bike या E-Cycle भी कहा जाता है। इलेक्ट्रिक साइकिल चलाने का अनुभव एक हल्की ढलान वाली सड़क पर सामान्य साइकिल चलाने जैसा होता है, यानि आप पैडल चलाते तो हैं लेकिन कम ताकत से ही साइकिल चलती जाती है।
कैसे चलती है इलेक्ट्रिक साइकिल
हालांकि बाजार में खरीदने के लिए ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल भी मौजूद हैं जोकि बिना पैडल चलाए, सिर्फ बैटरी पॉवर से भी चलती है। यानि जब मन चाहे पैडल चलाए, नहीं तो बस ऐक्सेलरेटर घुमा कर आगे बढ़ गए। वैसे इलेक्ट्रिक साइकिल का मुख्य उद्देश्य साइकिल चलाने वाले की मेहनत को कम करना होता है, न कि इसे पूरी तरह से मोटरसाइकिल जैसा बना देना, जिसे चलाने में इंसानी शक्ति की जरूरत नहीं होती।
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