Delhi metro: यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षित यात्रा के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) द्वारा अब ड्रोन के जरिये निरीक्षण किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि पुल, आधारभूत संरचना में कमी की आसानी से पहचान करने और निरीक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य निरीक्षण के मैनुअल मोड को खत्म करना है, जिसमें अधिक समय और श्रम लगता है। उन्होंने बताया कि सभी एलिवेटेड सेक्शन पर चरणबद्ध तरीके से निरीक्षण किया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के लगभग 65% में एलिवेटेड सेक्शन शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि समय के साथ जलवायु, ट्रेन की आवाजाही जैसे कई बाहरी कारकों के कारण संरचनाओं को पर काफी प्रभाव पड़ता है। इस तरह के निरीक्षण से संरचनाओं में आने वाले बदलाव और समस्याओं का विश्लेषण किया जा सकेगा और सुधार करने में मदद मिलेगी।
इस दौरान बेयरिंग से लेकर वायडक्ट्स तक, सिविल संरचनाओं से संबंधित सभी बारीकियों की गहनता से जांच की जाएगी। इसमें फुट ओवरब्रिज, पियर्स, गर्डर, रैंप जैसे ऊंचे ढांचे भी शामिल हैं। यह यात्रियों की सुरक्षा पहलुओं पर नजर रखने के लिए सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में एक नियमित अभ्यास है। ड्रोन से निरीक्षण के लिए डीएमआरसी हाई-रिज़ॉल्यूशन 4k कैलिब्रेटेड कैमरे के साथ हवाई सर्वेक्षण के लिए उपयुक्त ड्रोन वाली एजेंसी को हायर करेगा। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम द्वारा दिए गए सटीक स्थान के आधार पर स्पष्ट तस्वीरों को कैद किया जा सकेगा।
संरचना की स्थिति को रिकॉर्ड करने में मदद करेंगे
प्रवक्ता ने कहा कि निरीक्षण के विभिन्न पहलुओं में संरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना, उनकी शारीरिक स्थिति का पता लगाना, प्रारंभिक अवस्था में किसी भी असामान्यता या गड़बड़ी का पता लगाना और किसी समस्या के वास्तविक और संभावित स्रोतों की पहचान करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस तरह के निरीक्षण व्यवस्थित रूप से और समय-समय पर एक संरचना की स्थिति को रिकॉर्ड करने में मदद करेंगे, जिससे डीएमआरसी किसी भी महत्वपूर्ण संरचनात्मक परिवर्तन और खामियों की पहचान करने में सक्षम होगा। सर्वेक्षण से डीएमआरसी की योजना बनाने और रखरखाव की मरम्मत करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह डिजाइनरों और निर्माण इंजीनियरों को रखरखाव की समस्या पैदा करने वाली सुविधाओं पर प्रतिक्रिया भी प्रदान करेगा। ड्रोन सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या खराबी का पता चलने पर डीएमआरसी की टीमें स्काईलिफ्ट, मचान और ट्रॉलियों की मदद से विस्तृत निरीक्षण के लिए सटीक स्थान पर पहुंचेंगी।
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