नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग खुद को विवादों बनाए रखना चाहता है और उसका ताजा कदम इसकी पुष्टि भी करता है। आयोग ने अपने ताजा फैसले में मानवाधिकारों को लेकर विवादास्पद वकील और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को लाइफ लॉन्ग अचीवमेंट पुरस्कार देने का ऐलान किया है। पुरस्कारों की घोषणा अल्पसंख्यक आयोग (डीसीएम) के अध्यक्ष डॉ. ज़फ़र-उल-इस्लाम द्वारा की गई जिन पर हाल ही में दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया था।
कौन हैं जफर उल इस्लाम
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जफर उल इस्लाम खान पर हाल ही में समाज के बीच तिरस्कार और दरार पैदा करने के इरादे से भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा है। इसके बाद इस्लाम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है हालांकि इस्लाम को 22 जून तक राहत मिल गई है। कुछ समय पहले जफर उल इस्लाम खान ने एक पोस्ट में कहा था कि हिंदुस्तान में मुसलमानों के साथ हो रही कथित नाइंसाफी की शिकायत अगर वो लोग अरब देशों से कर देंगे तो जलजला आ जाएगा। इस फेसबुक पोस्ट में जफर उल इस्लाम ने एक फेसबुक पोस्ट में कुवैत का शुक्रिया अदा किया था कि उन्होंने भारतीय मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को संज्ञान में लिया है।
शाहीन बाग के समय बीजेपी ने लगाए थे आरोप
पुरस्कारों की घोषणा पर भाजपा ने भी निशाना साधा है। तीस्ता के खिलाफ बीजेपी शाहीना नबाग आंदोलन के समय आरोप लगा चुकी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप लगाया और लिखा था, 'सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए नियुक्त वार्ताकारों से क्या बातचीत करनी है, उनसे क्या सवाल-जवाब करना है, ये सब कुछ तीस्ता सीतलवाड़ वहाँ बैठी महिलाओं को सिखा रही हैं।'
बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया
वहीं तीस्ता को अवॉर्ड मिलने पर बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हन ने कहा, 'यह पूरी तरह से मजाक है और पुरस्कार के लिए अपमान है। डीसीएम के अध्यक्ष वहीं हैं जिन्हें अपने सनसनीखेज, आपत्तिजनक और अपमानजनक ट्वीट के लिए सार्वजनिक नाराजगी झेलनी पड़ी थी। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने इस तरह के देशद्रोही लोगों को इस पुरस्कार के लिए चुना है।'
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