नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर के आसमां पर स्मॉग की मोटी परत ने डेरा बसा लिया है। स्मॉग से निपटने के लिए तरह तरह के दावे किये जा रहे हैं।लेकिन बच्चे, बड़े और बुजुर्ग हर कोई इसका सामना कर रहा है। दिवाली को ध्यान में रखकर दिल्ली सरकार ने पटाखों को जलाने पर बैन लगा दिया है तो हरियाणा सरकार ने सिर्फ दो घंटे की छूट दी है।
प्रदूषण से अगले चार दिन तक राहत नहीं
आईएमडी के के श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले 4 दिनों से गंभीर श्रेणी में प्रदूषण रहेगा। धुएं और प्रदूषकों के साथ कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता कम हो गई है। अगले 2 दिनों तक स्थिति समान रहने की संभावना है, और तेज हवाओं के कारण 12-13 नवंबर को सुधार होने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब
अगर दिल्ली के अलग अलग इलाकों में वायु की गुणवत्ता देखें तो तस्वीर एक जैसी ही है। आनंद विहार में एक्यूआई जहां 484, तो मुंडका में 470, ओखला फेज 2 में 465 और वजीरपुर में 468 है और यह सब गंभीर श्रेणी में हैं। दरअसल यह आंकड़े कुछ खास जगहों के हैं, लेकिन राजधानी में कमोबेश एक जैसी ही तस्वीर है। वायु की गुणवत्ता खराब से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही आंखों में जलन आम बात हो गई है।
हवा की रफ्तार बेहद कम
अब सवाल यह है कि अभी पटाखे भी नहीं फोड़े जा रहे हैं तो वायु की गुणवत्ता खराब क्यों हो रही है। सरकार की तरफ से दावे भी तमाम हुए हैं इसके बावजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में इजाफा हो रहा है। जानकार कहते हैं कि दरअसल दिल्ली और एनसीआर में निर्माण कार्य पर किसी तरह की रोक नहीं लगी हुई है इस लिहाज से हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 लटके हुए हैं। इसके साथ ही इस समय हवा भी नहीं बह रही है जिसकी वजह से धूल के कण उड़ जाएं। जब तक दिल्ली में वायु की रफ्तार नहीं बढ़ेगी इस तरह के हालात का सामना करना पड़ेगा।
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