नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगभग 26 वार्ड में 1 अक्टूबर से शराब की निजी दुकानें बंद हो जाएंगी, जो 16 नवंबर तक बंद रहेंगी। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी में केवल सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें ही खुली रहेंगी। दुकानों को बंद करने की प्रक्रिया राज्य सरकार की नई आबकारी व्यवस्था के तहत शुरू की गई है। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 17 नवंबर से दिल्ली में शराब की बिक्री होगी, लेकिन इस दौरान शराब की निजी दुकानें बंद रहेंगी।
निजी विक्रेताओं द्वारा शराब की खुदरा बिक्री के लिए नए लाइसेंस 17 नवंबर से लागू किए जाएंगे। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शहर में शराब की बड़ी दुकानें होंगी, जहां लोगों को अपने पसंदीदा ब्रांड की शराब चुनने की सुविधा होगी।
यहां उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की एजेंसियां शहर की 850 शराब की खुदरा दुकानों में से लगभग 60 प्रतिशत चलाती हैं। नई नीति के तहत सरकार ने कुल 32 जोन में से 20 में शराब की खुदरा बिक्री के लिए निजी फर्मों का चयन किया है, जिसमें दिल्ली को विभाजित किया गया है।
नई आबकारी नीति के तहत शराब की सभी पुरानी दुकानों को बंद किया जा रहा है और नई व्यवस्था के अनुरूप दिल्ली के सभी हिस्सों में समान रूप से दुकानें खोली जानी हैं। इसके तहत, खुदरा विक्रेता सरकार द्वारा अनिवार्य MRP के बजाय प्रतिस्पर्धी माहौल में बिक्री मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। दिल्ली सरकार ने नई दुकानों के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
इस संबंध में जानकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 15 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी थी। उन्होंने कहा था कि नई आबकारी नीति लागू होने के बाद शराब बेचने का अनुभव बदल जाएगा। दिल्ली सरकार के पास 2019-20 के दौरान आबकारी के जरिये करीब 6400 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह था। नई आबकारी नीति से करीब 3,500 करोड़ रुपये बढ़ने का अनुमान है। उम्मीद है कि नई आबकारी नीति से दिल्ली सरकार को सालाना करीब 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।
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