Municipal Corporation of Delhi: दिल्लीवासियों के लिए एक अच्छी खबर है, अब राजधानी में लगे कचरे के पहाड़ों से लोगों के घर रोशन होंगे। जहां कचरे के अंबार साफ होंगे। वहीं एमसीडी इससे बिजली बनाकर शहर को फिर से खूबसूरत बनाएगी। आपका बता दें कि, दिल्ली के प्रवेश द्वारों पर कूड़े के पहाड़ राजधानी की खूबसूरती पर बदनुमे दाग की तरह हैं। एमसीडी ने कचरे को साफ करने को लेकर एक एक्शन प्लान बनाया है।
कचरे पर हर वक्त नजर रखने के लिए दिल्ली नगर निगम हर तीन महीने में कूड़े के पहाड़ों का ड्रोन से सर्वे करवाएगी। जिससे कूड़े के आंकड़ों का पता चल सकेगा। इसमें खास बात ये रहेगी कि, कचरे की मात्रा का ड्रोन से सर्वे करवाने के बाद इसकी रिकॉर्डिंग मौके पर लगी मशीनों में दर्ज हो जाएगी। इसके बाद एमसीडी कूड़े के निस्तारण के आंकड़ों पर एक रिपोर्ट बनाकर उच्च स्तर के अधिकारियों के समक्ष पेश करेंगे। वहीं कचरे के पहाड़ों की ऊंचाई में आए फर्क के आंकड़ें एलजी को भी भेजे जाएंगे।
एमसीडी के मुताबिक, ओखला इलाके के डंपिंग यार्ड में कचरे से बिजली बनाने का नया संयत्र लगाया जाएगा। जिसके चलते कचरे का त्वरित गति से निस्तारण हो सकेगा। वहीं प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। इस इलाके में ड्रोन से नजर रखी जाएगी। जिससे अधिकारियों को पता चल सकेगा कि, लैंडफिल की ऊंचाई नए कचरे के डालने से नहीं बढे। इसके अलावा गाजीपुर व भलस्वा इलाके से भी कचरे के पहाड़ कम करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
एमसीडी की ओर से वर्ष 2021 में नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल को दिए गए हलफनामे के मुताबिक, दिल्ली की 3 साइटों पर कचरे के लगे अंबार को लेकर एमसीडी के आंकड़े इस प्रकार है। जिसमें गाजीपुर में करीब 70 हेक्टेयर में लगे कूड़े के ढेर में 50 मीटर की कमी आई है। यहां पर 10 ट्रामल मशीनों से करीब 4 सौ टन कूड़ा रोजाना कम किया जा रहा है। इसी प्रकार ओखला में 40 हेक्टेयर में फैले कचरे के पहाड़ की ऊंचाई 62 से 40 मीटर रह गई है। यहां 26 मशीनें 7 हजार टन कूड़ा रोज हटा रही है। इसी कड़ी में भलस्वा में करीब 70 हेक्टेयर ऊंचाई वाले कचरे के पहाड़ों को साफ करने के लिए 44 मशीनें 10 हजार टन कचरे का रोजाना निस्तारण कर रही है। एमसीडी का दावा है कि, दिल्ली नगर निगम की जद में आने वाले इन स्थानों से आगामी वर्षों में 50 प्रतिशत से भी अधिक कचरे का निस्तारण किया जाएगा।
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