दिल्ली के वजीराबाद में यमुना का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। जलस्तर में शनिवार को एक बार फिर से बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, जल स्तर कम होने से चंद्रावल, वजीराबाद व ओखला जल शोधन संयंत्र से जल आपूर्ति करीब 50 प्रतिशत तक कम हो गई है। इसकी वजह से दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में अब जल आपूर्ति संकट और गहरा गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में उत्तरी पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, एनडीएमसी, दिल्ली छावनी व दक्षिणी दिल्ली में आने वाली कॉलोनियां शामिल हैं। जल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, यह स्थिति तब तक बनी रहेगी, जब तक यमुना के जल स्तर में सुधार नहीं होता है। बता दें कि, वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र में 80 प्रतिशत जिस जल का शोधन किया जाता है, वह यमुना से आता है। वहीं 20 प्रतिशत पानी मुनक नहर से आता है।
यमनुा का जल स्तर घटने के कारण अब ये दोनों संयंत्र सिर्फ 50 फीसदी जल का ही शोधन कर रहे हैं। वहीं इस जल संकट से निपटने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से हरियाणा के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग को तीसरी बार पत्र लिखकर यमुना में पानी छोड़ने की मांग की गई है। बता दें कि, वजीराबाद में सामान्य रूप से यमुना का जल स्तर 674.50 फुट होना चाहिए, लेकिन अब यह घटकर 670.40 फुट तक पहुंच गया है।
इन संयंत्रों में जल शोधन कम होने से शक्ति नगर, कमला नगर, सिविल लाइन्स, हिंदू राव अस्पताल, करोल बाग, ओल्ड राजेंद्र नगर, न्यू राजेंद्र नगर, पहाड़गंज, पटेल नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुर, तुगलकाबाद, अंबेडकर नगर, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, माडल टाउन, पंजाबी बाग, ग्रेटर कैलाश, मूलचंद में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इसके अलावा भी राजधानी के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी। इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली जल बोर्ड लगातार टैंकर से पेयजल सप्लाई करने में जुटा है।
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