नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। इन सबके बीच बड़ी खबर यह है कि योगेंद्र यादव ने कहा है कि सरकार से बातचीत के लिए किसान तैयार हैं। बता दें कि 40 किसान संगठनों की सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई थी। इससे पहले बुधवार को सुबह सिंघु बार्डर पर किसानों की बैठक हुई थी जिसमें बातचीत को लेकर दो तरह के रुख सामने आए थे। कुछ नेताओं को कहना था कि अगर सरकार संशोधन के साथ बातचीत की पेशकश कर रही हैं तो हमें आगे बढ़ना चाहिए। हमें यह देखना होगा कि सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम ना कर सके।
'बातचीत के लिए किसान भी तैयार'
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा के नए पत्र को केंद्र को संबोधित करते हुए बताया कि हम केंद्र को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसानों और यूनियनों का विरोध सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार है। हम खुले दिमाग और साफ इरादे के साथ चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का इंतजार कर रहे हैं।
एक तरफ आंदोलन को तोड़ने की हो रही है कोशिश
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल भी जुड़े नहीं हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास है। प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सरकार जिस तरह से अपने विपक्ष के साथ व्यवहार करती है।
सरकार मामले को लटकाने में जुटी
भारतीय किसान यूनियन के युद्धवीर सिंह ने कहा कि जिस तरह से केंद्र इस वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर देरी करना चाहती है और किसानों के विरोध का मनोबल तोड़ना चाहती है। सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें इस मामले का संज्ञान लेने के लिए चेतावनी दे रहा हूं और जल्द ही इसका हल ढूंढूंगा।
बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाए सरकार
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि हम सरकार से फलदायी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह करते हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित करें। इससे वार्ता को बेहतर माहौल मिलेगा।
बातचीत के लिए सरकार तैयार
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। बातचीत के लिए समय का चयन किसान संगठनों को ही करना है। सरकार खुले मन से किसानों की मांग पर विचार कर रही है और किसी का अहित नहीं होने देगी। इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड सबकुछ अपने आप कहता है कि किस तरह से किसानों के हित में तमाम बड़े फैसले किए गए हैं।
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