नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर रेड लाइट पर प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। किसानों के खिलाफ यह प्राथमिकी गत सात दिसंबर को अलीपुर पुलिस स्टेशन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर दर्ज हुई। किसानों पर आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। उन पर महामारी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए लामपुर बॉर्डर की तरफ से दिल्ली में दाखिल हुए और गत 29 नवंबर को सिंघु बॉर्डर रेड लाइट पर धरने पर बैठ गए। किसान तबसे यहीं पर हैं और उन्होंने यातायात बाधित करते हुए रोड पर आवागमन रोक दिया।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हैं। ये किसान तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार एमएसपी पर लिखित में उन्हें भरोसा देना चाहती है लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हैं। किसानों की सरकार के साथ पांच दौर की बातचीत हो गई है लेकिन कानून के मसले का अभी कोई हल नहीं निकल सका है।
कानून खत्म होने तक जारी रखेंगे प्रदर्शन
किसानों का कहना है कि तीनों कानूनों को खत्म करने से संबंधी प्रस्ताव यदि सरकार भेजती है तो ही वे बातचीत के लिए आगे आएंगे। पांचवें दौर की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने की बात कही है। किसानों ने 14 दिसंबर को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया है। किसान संगठनों ने अपनी आगामी रणनीति को लेकर गुरुवार को बैठक की।
रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे किसान
किसान संगठनों का कहना है कि वे रेल रोको आंदोलन शुरू करने वाले हैं और इस बारे में वे जानकारी देंगे। सिंघु बॉर्डर पर गुरुवार को किसान संगठनों ने कहा कि वे अपना आंदोलन तेज करते हुए दिल्ली की तरफ आने वाले सी राजमार्गों को बंद करना शुरू करेंगे किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, 'हमारी मांगें यदि पूरी नहीं हुईं तो हम रेलवे ट्रैक पर बैठना शुरू करेंगे। रेल रोको आंदोलन केवल हरियाणा एवं पंजाब तक सीमित नहीं होगा बल्कि यह देशव्यापी होगा।'
मानवाधिकार दिवस मनाया
लेखकों, बुद्धिजीवियों और तर्कवादियों को रिहा करने की मांग वाले पोस्टर लिए दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की तस्वीरें वायरल होने के बाद किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में उनका प्रदर्शन गैर राजनीतिक” है।
बृहस्पतिवार को मानवाधिकार दिवस भी मनाया गया।
सरकार ने भेजा है नया प्रस्ताव
किसानों की यह घोषणा ऐसे वक्त में आयी है जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत जारी है, ऐसे में आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करना उचित नहीं है। उन्होंने किसान संघों से फिलहाल बातचीत करने को कहा है। तोमर ने किसान संघों के नेताओं से उन्हें भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर विचार करने को कहा। केन्द्र सरकार ने कृषि कानूनों के विरोध के कारण जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए किसानों से बातचीत के बाद उन्हें संधोशन से जुड़े प्रस्ताव का एक मसौदा भेजा है।
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