नई दिल्ली। कोरोना का वायरस अब तेजी से डंक मार रहा है। लेकिन एक अच्छी बात यह है कि रिकवरी रेट तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को गृहमंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक 5.5 लाख केस होने की संभावना नगण्य है। लेकिन जिस तरह से दिल्ली सरकार की तरफ से बयान आया उसकी वजह से लोगों में भय समा गया। जहां तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई की बात है तो केंद्र सरकार की नजर में यह हर एक राज्य की समस्या है और केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के मदद कर रही है।
जानकारों के आधार पर थी आशंका
गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने तो वही कहा जो जानकारों ने बताया। दिल्ली में जुलाई के अंत तक 5.5 लाख केस होने के बारे में कहा कि दरअसल उसके पीछे वजह थी। जून के शुरुआती हफ्ते में जिस तरह से कोरोना के मामलों में इजाफा हुए उस आधार पर यह आंकलन किया गया था। लेकिन अब हालात नियंत्रण में है। वो बताते हैं कि दिल्ली में रिकवरी रेट 62 फीसद के करीब है और नए मरीज जो आ रहे हैं वो जल्दी स्वस्थ हो रहे हैं।
केंद्र की मदद और सीएम की मेहनत ला रही है रंग
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से कई कदम उठाए गए। सभी बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 40% बेड्स कोरोना के लिए आरक्षित किया दया गुरु तेग बहादुर की तरह बड़े अस्पतालों को कोरोना इलाज में लगाया गया। होटल को अस्पतालों में बदलकर 3500 बेड और जोड़े गए। अब बेड की किल्लत नहीं है, केंद्र सरकार ने मांगने पर मदद की और आज टेस्टिंग 4 गुना बढ़ चुकी है। केंद्र सरकार ने हमें ऑक्सीजन सिलेंडर, आईटीबीपी के डॉक्टर और नर्स राधा स्वामी कोविड सेंटर के लिए दिए और विषय के जानकारों से मार्गदर्शन दिलाया है।
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