दिल्ली नगर निगम के चुनाव को टाले जाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि चुनावों को ना टाला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर अफसर एक घंटे के अंदर ही चुनाव टालने के लिए तैयार क्यों हो गए। दरअसल 9 मार्च को दिल्ली चुनाव आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि केंद्र तीनों निगमों को एक करने पर विचार कर रहा है, जबकि उसी दिन एमसीडी चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान होना था। इस तरह की जानकारी देने के बाद आयोग ने कहा कि ऐसी सूरत में तारीखों का ऐलान नहीं किया जाएगा। केजरीवाल का कहना है कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार की तरफ से राज्य चुनाव आयोग को खत लिखकर चुनावों को टालने की बात कही गई हो।
केंद्र पर हमलावर हुए सीएम केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि, केंद्र चिट्ठी लिख कर चुनाव टलवाये यह ठीक नही और चुनाव आयोग केंद्र के सामने झुक जाए, यह भी ठीक नहीं है।इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़ कर विनती है, सरकारें आती जाती रहेंगी, कल हम दोनों नहीं रहेंगे, हम जरूरी नहीं और न ही कोई पार्टी जरूरी है, सिर्फ देश रहेगा। अगर हम चुनाव आयोग पर दबाब बनाकर चुनाव टालते हैं इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है, इससे देश कमजोर होता है। हमें मिलकर देश की रक्षा करनी है किसी भी हालत में हमें संस्थानों को कमजोर नहीं होने देना है।
9 मार्च को तारीखों की होनी थी घोषणा
दरअसल बुधवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा होनी थी, हालांकि आखिरी वक्त में चुनाव आयोग ने प्रेस वार्ता बुलाकर तारीखों का ऐलान नहीं किया और केंद्र से एक चिट्ठी आने का जिक्र किया और तीनों निगमों को एक करने की उम्मीद भी जताई।दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा , भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब केंद्र ने सीधे चुनाव आयोग से चुनाव टालने के लिए कहा है। लोगों के मन में बातें चल रही है। बीते 8 सालों से भाजपा की सरकार है, यदि उनको निगमो को एक करना था तो अब तक क्यों नहीं किया ?
चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से एक घंटे पहले इनको याद आया की निगमों को एक करने के लिए चुनाव टाल दिए जाएं। निगमों को एक करना तो बहाना है इनको चुनाव टालना था। भाजपा को पता था कि, इस बार चुनाव हुए तो हमारी लहर में यह हार जाएंगे। लोग यह भी कह रहे हैं कि चुनावों का निगमों को एक साथ करने का क्या लेना देना है।उन्होंने कहा कि, तीनों निगम अलग अलग हैं, काउंसलर भी अलग अलग जगहों पर बैठ ते हैं तो चुनाव हो जाने दीजिए वह सब एक जगह बैठना शुरू कर देंगे। देश के लिए यह सब ठीक नहीं है।
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