मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है। उन्हें राहत नहीं मिली। अब बेल अर्जी पर 13 सितंबर को सुनवाई होगी। इससे पहले 6 सितंबर को ईडी के वकील अदालत के सामने पेश नहीं हुए लिहाजा जमानत अर्जी पर सुनवाई 8 सितंबर तक टाल दी गई। ईडी के इस तरह के क्रियाकलाप पर खुद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि आखिर जांच एजेंसी को किस बात की डर है, उनके वकील अदालत के सवालों का जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। जैन 99 दिनों से ईडी की हिरासत में हैं।
सत्येंद्र जैन की पत्नी को मिल चुकी है जमानत
इस मामले में सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को अदालत ने एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। पूनम के अलावा दो और आरोपियों अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमा जैन को भी जमानत मिल गई। बता दें कि एक याचिका में उन्हें मंत्री पद से हटाने की अपील की गई थी। लेकिन अदालत ने उस अर्जी को खारिज कर दिया था। याचिका दायर करने वाले आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दावा किया था कि सत्येंद्र जैन ने खुद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने घोषणा की थी कि कोरोना के कारण उनकी याददाश्त चली गई है। इसलिए उन्हें विधायक के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
99 दिन से बंद हैं सत्येंद्र जैन
याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (बी) के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति विकृत दिमाग का है, तो वह विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है। अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।चार्जशीट के मुताबिक इस मामले में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन, चार निजी फर्मों और छह अन्य समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सत्येंद्र जैन, अंकुश जैन और वैभव जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मई को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे हिरासत में हैं।
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