Delhi News: उत्तरी और पूर्वी दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब यहां पर संपत्तिकर में एक प्रतिशत शिक्षा उपकर का बोझ नहीं लगेगा। लोगों के विरोध के बाद निगम ने शिक्षा उपकर को वापस लेने का फैसला किया है। संपत्तिकर में एकरुपता लाने के लिए निगम ने इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसे अब विशेष अधिकारी के समक्ष मंजूरी के लिए जल्द रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद उत्तरी और पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के लोगों को संपत्तिकर की बढ़ी हुई दरों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बता दें कि विगत 22 मई से दिल्ली के सभी निगमों के एकीकरण के बाद अब इनके विभिन्न करों की दरों में एकरुपता लाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए निगम अपने बजट को भी संशोधित करने में जुटा है। इसी कड़ी में उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में उपकर लगाने का फैसला किया था, हालांकि अब इसे वापस ले लिया है।
निगम अधिकारियों के अनुसार जनता पर कोई नया कर लगाने के लिए फिलहाल प्रशासन पक्ष में नहीं है। हालांकि सभी निगमों के करों में एकरुपता लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर जल्द ही निगम में कुछ बड़े फैसले भी हो सकते हैं। निगम इस समय ऐसी दिशा में काम कर रहा है, जिससे लोगों की जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े। निगम अधिकारियों के अनुसार इस फैसले से निगम को आर्थिक नुकसान तो होगा, लेकिन जनता को राहत मिलेगी।
अधिकारियों के अनुसार दिल्ली नगर निगम के तीनों क्षेत्रों में करीब 30 लाख ऐसी संपत्ति हैं, जो संपत्तिकर के दायरे में आती हैं। हालांकि इसमें से केवल 12 लाख संपत्ति धारक ही संपत्तिकर जमा करते हैं। जिससे निगम को हर साल दो हजार करोड़ से ज्यादा की सालाना आय होती है। निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए अब संपत्तिकर न जमा करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। निगम द्वारा लोगों को संपत्तिकर जमा करने के लिए जागरूक करने के साथ उन्हें नोटिस भी भेज रहा है।
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