नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। गुरुवार सुबह भी आसमान में धुंध की चादर दिखाई दी। दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर में एक जैसे हालात नजर आए। बढ़ते वायु प्रदूषण के पीछे पराली और वाहनों का धुएं को इस प्रदूषण का मुख्य कारण माना जा रहा है। गुरुवार सुबह ITO में वायु गुणवत्ता सूचकांक 254, पटपड़गंज में 246 दर्ज किया। ये दोनों ही श्रेणियां खराब में आती हैं।
सांस लेने में दिक्कत
दिल्ली एनसीआर के अधिकतर इलाके धुंध की चादर में ढके हुए नजर आए। सुबह की सैर पर इंडिया गेट और राजपथ पर निकले शुभम भदौरिया नाम के एक साइक्लिस्ट ने एएनआई से बात करते हुए बताया, 'हमें साइकिल चलाते समय सांस लेने में बहुत मुश्किल हो जाती है क्योंकि अगस्त की तुलना में अब हवा की गुणवत्ता में बहुत अंतर है।' वहीं कई अन्य लोग भी ऐसे रहे जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
वायु प्रदूषण सबसे बड़ा खतरा
आपको बता दें कि सर्दियों के नजदीक आते ही राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ते जाता है। अमेरिका के एक गैर सरकारी संगठन की तरफ से कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि भारत में 2019 में वायु प्रदूषण से 16.7 लाख लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक लाख से अधिक की उम्र एक महीने से कम थी। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 के मुताबिक बुधवार को हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (एचईआई) ने वायु प्रदूषण का दुनिया पर असर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया कि भारत में स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा वायु प्रदूषण है।
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