Delhi Roads News: राजधानी की सड़कों पर अपना वाहन लेकर निकलने से पहले एक बार उसका पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफेकेट (पीयूसीसी) जरूर जांच लें, नहीं तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। क्योंकि दिल्ली परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर शिकंजा कसने के लिए एकबार फिर से व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया है। अब बगैर पीयूसीसी वाले वाहनों के 10000 हजार रुपये का चालान काटा जाएगा। आपके लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह होगी कि बगैर पीयूसीसी के आपको पेट्रोल और डीजल भी नहीं मिलेगा।
दरअसल, वाहनों की जांच के लिए परिवहन विभाग राजधानी की सड़कों पर जांच अभियान चलाने जा रही है। इसके साथ राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर भी पीयूसी प्रमाणपत्र की जांच शुरू की जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग अब एक नया सिस्टम लाने जा रहा है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक व्यापक प्लान बनाया जा रहा है, जो जुलाई माह से लागू हो सकता है।
परिवहन विभाग जो योजना बना रहा है, उसमें एक प्रस्ताव क्यूआर कोड आधारित पीयूसी स्टेट्स चेकिंग सिस्टम को लागू करने का है। इसके तहत जितनी भी गाड़ियां दिल्ली के किसी पीयूसी जांच केंद्र पर प्रदूषण जांच के लिए पहुंचेंगी, उन्हें जांच के बाद प्रमाणपत्र के साथ-साथ एक क्यूआर कोड भी दिया जाएगा, जो सीधे परिवहन विभाग के पीयूसी रिकार्ड सिस्टम से लिंक्ड होगा। वाहन चालकों को यह क्यूआर कोड अपने वाहन के आगे या पीछे कहीं पर इसे लगाना होगा। उसके बाद जब भी कोई व्यक्ति पेट्रोल-डीजल या सीएनजी भरवाने जाएगा, तो मोबाइल से इस क्यूआर कोड को स्कैन करके तुरंत पता लगाया जा सकेगा कि उस गाड़ी का पीयूसीसी वैलिड है या नहीं। क्यूआर कोड स्कैन करने और पीयूसी प्रमाणपत्र की वेलिडिटी जांच के लिए एक मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है। जिसकी मदद से यह प्रत्येक पेट्रोल पंपों और सीएनजी स्टेशनों पर तैनात स्टाफ पीयूसी प्रमाणपत्र की वैधता की जांच कर सकेगा। जिन गाड़ियों के पास वैध पीयूसीसी नहीं मिलता है। उन्हें पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। साथ ही वाहन चालक को अब 10 हजार रुपये का चालान ऑन द स्पॉट थमाया जाएगा।
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