Delhi Driving Licence Rule : वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है। दरअसल, अब ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए जेंडर सेंसटाइजेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की आवश्यकता नही होगी। इस संबंध में परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश में परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त डा.नवलेंद्र कुमार सिंह के द्वारा कहा गया है कि, सात जनवरी 2022 को जारी एक आदेश में पीएसवी के फिटेनस टेस्ट के टाइम पर जेंडर सेंसटाइजेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की आवश्यकता की बात कही गई थी।
लेकिन, अब वाहन चालकों को लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान इस सर्टिफिकेट की जरूरत नही पड़ेगी, परिवहन विभाग के इस आदेश के अनुसार अब पीएसवी जैसे-टैक्सी, फटफट सेवा, आटो रिक्शा, मैक्सी कैब,बस और मिनी बसों ,स्कूल कैब के चालकों के लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी।
पूर्व में बदला था यह नियम
केंद्र सरकार ने लाइसेंस बनवाने के नए नियमों में बदलाव करते हुए बताया कि, अब डीएल बनवाने के लिए ड्राइविंग की ज़रूरत नहीं होगी। बदले हुए नियमों के मुताबिक़, अब किसी तरह का कोई ड्राइविंग टेस्ट आरटीओ जाकर देने की जरूरत नहीं होगी। इसके बजाय आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेनी होगी और वहीं पर टेस्ट को पास करना होगा, स्कूल की ओर से एप्लीकेंट्स को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर एप्लीकेंट का ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाएगा।
ट्रेनर कम से कम 12वीं पास व ड्राइविंग का 5 साल का अनुभव हो
इन नियमों में ये भी बताया गया कि, ड्राइविंग ट्रेनिंग देने वाला ट्रेनर कम से कम 12वीं कक्षा पास हो और कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए, उसे यातायात नियमों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए। दो पहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के पास कम से कम एक एकड़ जमीन हो, मध्यम और भारी यात्री माल वाहनों या ट्रेलरों के लिए सेंटर्स के लिए दो एकड़ जमीन की जरूरत होगी।
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