नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Govt) द्वारा शुरू की गई घर-घर राशन पहुंचाने की योजना (ration doorstep delivery scheme) को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को चुनौती वाली राशन डीलरों की दो याचिकाओं को मंजूरी दी थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन संघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि घर-घर चीजें पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार कोई और योजना लाने के लिए स्वतंत्र है ,लेकिन वह केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए अनाज का इस्तेमाल घर-घर पहुंचाने की योजना के लिए नहीं कर सकती।
दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ और दिल्ली राशन डीलर्स यूनियन की ओर से दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 10 जनवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था।
दिल्ली की सत्ता पर काबिज AAP सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को दिल्ली सरकार राशन डीलर्स संघ ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी डीलर्स संघ का तर्क था कि यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, पीडीएस नियम और संविधान के शासन का उल्लंघन है, कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में डोरस्टेप डिलीवरी योजना को समाप्त करने की बात कही थी।
गौर हो कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा, लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में किसी भी तरह के दखल से इनकार कर दिया था।
गौर हो कि दिल्ली सरकार की इस योजना का दिल्ली के डीलर विरोध कर रहे हैं, दरअसल दिल्ली सरकार की इस योजना के जरिए दिल्ली के लोगों को घर बैठे-बैठे राशन पहुंचाए जाने की बात थी दिल्ली सरकार ने कोर्ट में यह दलील दिया था कि दिल्ली के अधिकांश लोगों ने इस योजना का समर्थन किया है। वहीं ये भी ऑप्शन था कि सार्मथ्यवान लोग फ्री राशन वितरण की योजना से बाहर निकल सकते है।
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