नई दिल्ली। टूलकिट में दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट ने राहत नहीं दी है। उनकी जमानत अर्जी पर आज गरमागरम सुनवाई हुई। पटियाला हाउस कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर फैसला 23 फरवरी तक सुरक्षित रख लिया है। दिशा के वकील ने कहा कि उनके मुव्क्किल का खालिस्तानी संगठनों से पूर्व में किसी तरह का नाता नहीं रहा है।
दिशा रवि के वकील ने क्या दी दलील
दिशा रवि की तरफ से उनके वकील की दलील दी कि पांच दिन की हिरासत में दिल्ली पुलिस एक बार भी बेंगलुरु नहीं ले गई कि कहां मोबाइल छिपाकर रखा गया है। लेकिन अदालत में आप कहते है कि दूसरे मोबाइल या लैपटॉप हो सकते हैं,जिन्हें बरामद किया जाना है।अगर वो आज यह कहती हैं कि यहां किसी के साथ गलत हुआ तो इसमें कोई नई बात हीं है,ऐसा तो सालों से कहा जा रहा है। लेकिन आज अब कुछ कहने पर भी ताला लगाने की कोशिश हो रही है। इसमें शक नहीं है कि जागरुकता लाने की कोशिश हुई लेकिन इसके जरिए हिंसा भड़काने का आरोप गलत है।
दिशा के वकील का कहना है कि उनकी मवक्किल 22 साल की लड़की है जो बेंगलुरु में रहती है। उसका खालिस्तान आंदोलन से जुड़े होने का इतिहास नहीं रहा है। अभियोजन का तर्क है कि खालिस्तान आंदोलन से जुड़े लोगों ने किसान आंदोलन को आड़ बनाकर अपने उद्देश्य को पूरा करने में जुटे हुए हैं। इसमें किसी तरह का कोई धन से जुड़ा हुआ मामला भी नहीं है।
दिल्ली पुलिस के वकील से तीखे सवाल
दिल्ली पुलिस की तरफ से ASG सूर्यप्रकाश वी राजू कोर्ट में दलीलें रखीं। दिशा रवि को लेकर जज ने कई तीखे सवाल पूछे इसके साथ ही दिशा रवि के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जिन 149 लोगों को गिरफ्तार किया, क्या उनमें से किसी एक भी शख्स ने बताया कि उसने टूलकिट पढ़ी और उसे पढ़ने के बाद गुस्सा आया और उसकी वजह से गणतंत्र दिवस वाले दिन लाल किले पर झंडा फहरा दिया या हिंसा की?
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