Delhi News: लैंडफिल साइट से होने वाले प्रदूषण, दुर्गंध और आए दिन लगने वाली आंग से जल्द ही दिल्लीवालों को छुटकारा मिल जाएगा। दिल्ली के लैंडफिल में भी अब मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम की तरह सिस्टम लगाया जाएगा। यह निर्णय पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में लिया गया। सरकार ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और नगर निगम को इस मॉडल पर कार्य करने के निर्देश दिए। इस मॉडल को अपनाने से पहले रिसर्च के लिए जल्द ही विशेषज्ञों व अधिकारियों की एक टीम मुंबई जाएगी।
वहां टीम मुंबई मॉडल के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगी। जिसके बाद पूरा प्रोजेक्ट और बजट तैयार कर इसे सरकार को सौंपा जाएगा। अप्रूवल मिलने के बाद कार्यवाही शुरू होगी। अधिकारियों के अनुसार इस साल के अंत तक प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा।
लैंडफिल साइट को ढका जाएगा मिट्टी से
इस बैठक में मौजूद विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लैंडफिल साइट से आने वाली दु्र्गंध और प्रदूषण से निजात पाने के लिए यहां पर फैले कूड़े को मिट्टी से ढकना जरूरी है। इसे ढकने के लिए मिट्टी की मोटाई कम से कम 10 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में इस समस्या से स्थायी नियंत्रण पाने के लिए मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे हुए गैस सकिंग सिस्टम को अपनाना बेहद जरूरी है। इस संबंध में डीपीसीसी और निगम को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। वहीं, पर्यावरण मंत्री ने बताया कि एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 10 विभागों की 500 टीमें तैनात की गई हैं जो सभी उचित कार्रवाई के साथ 24 घंटे निरीक्षण करने का काम भी कर रही हैं। इनके अलावा निगम और डीपीसीसी को भी निगरानी के निर्देश दिए गए।
आग की घटनाओं को रोकने पर चर्चा
बैठक में लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं को लेकर विशेषज्ञों द्वारा सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। बैइक में सीएसई से आए अतिन बिस्वास और डॉ. ऋचा सिंह ने लैंडफिल साइट में आग लगने की घटनाओं को रोकने से संबंधित कई सुझाव दिए। इन पर दिल्ली सरकार के अधिकारी मंथन कर रहे हैं।
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