Delhi Water Crisis: वजीराबाद में यमुना के जल स्तर में थोड़ा सुधार के बाद अब एक बार फिर से जल स्तर घटने लगा है। यह अब घटकर 668.30 फीट पर पहुंच गया है। इस वजह से जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्र से पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। जल बोर्ड के अनुसार इससे अब दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल किल्लत पैदा हो गई है। जल बोर्ड के अनुसार यह समस्या रहने तक नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), उत्तरी, उत्तरी पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी के जल स्तर में मई के शुरुआत से ही उतार चढ़ाव हो रहा है। जल बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, वजीराबाद बैराज के पास यमुना का सामान्य जलस्तर 674.50 फीट होना चाहिए। जो अब घटकर सामान्य से 6.2 फीट कम है। इसकी वजह से जल शोधन संयंत्र अपनी पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें कि, यमुना नदी का जलस्तर मई माह में घटकर 668 फीट से भी कम हो गया था। जिसके बाद जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को कई पत्र लिखकर यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए कहा था। इसके जवाब में सिंचाई विभाग ने कहा था कि दिल्ली के हिस्से का पर्याप्त पानी दिया जा रहा है। हालांकि इसके बाद वजीराबाद में यमुना के जलस्तर में थोड़ा सुधार हुआ। इस वजह से जलस्तर बढ़कर 669 फीट तक पहुंच गया था, लेकिन जलस्तर कम होने से एक बार फिर पेयजल किल्लत बढ़ गई है। जल बोर्ड का कहना है कि हरियाणा से यमुना में कम पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर कम हुआ है। जल बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पेयजल संकट का असर कमला नगर, सिविल लाइंस, ग्रेटर कैलाश, मॉडल टाउन, करोल बाग, पंजाबी बाग, मूलचंद, तुगलकाबाद, संगम विहार, बुराड़ी, कालकाजी, पटेल नगर, जहांगीरपुरी, गुलाबी बाग, दिल्ली कैंट के कुछ हिस्से और नई दिल्ली नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में होगा।
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